पहाड़ के लोग मेहनती, ईमानदार और इतने चरित्रवान जितने ऊँचे यहाँ के पहाड़। अपने और अपनी पत्नी के हास्य रेखाचित्र लिखने और प्रस्तुत करने वाले पद्मश्री अलंकृत सुरेंद्र शर्मा शिमला पहुँचने पर बोले। प्रशंसकों से मिले और खिंचवाई फोटो भी।गेयटी में दी दमदार प्रस्तुति इस दौरान खूब हंसाया और रुलाया भी।कैसे लोट पोट किए अपनी “चार लैना “से क्लिक करें IBEX NEWS

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IBEX NEWS,शिमला।

पहाड़ के लोग मेहनती, ईमानदार और इतने चरित्रवान जितने ऊँचे यहाँ के पहाड़। अपने और अपनी पत्नी के हास्य रेखाचित्र लिखने और प्रस्तुत करने वाले सुरेंद्र शर्मा शिमला पहुँचने पर प्रशंसकों से मिले और जमकर फोटो भी खिंचवाई। IBEX NEWS से विशेष बातचीत में कहा कि पहाड़ के लोग सीधे , सरल है ।शिमला बेहद खूबसूरत है और बीते चार दशकों में अब फ़र्क़ दिखता है कि हरियाली बढ़ी है। पहले कम थी। साल में एक बार तो शिमला आता ही हूँ।चालीस साल पहले पहली मर्तबा आया था।

पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा निस्संदेह पहला नाम है जो हमारे दिमाग में भारत के सबसे अच्छी हास्य कवि की बात करता है। जिन्होंने एक हास्य कविता की नई अवधारणा को विकसित किया और इसे “चार लाइना” का नाम दिया। हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा एक ऐसा नाम है जिन्होने हिंदी हास्य कविता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। यद्यपि यह उनके चेहरे पर भावनाओं की कोई लहर नहीं दिखती है पर जब वह अपनी कृतियों को प्रस्तुत करते हैं, उनकी रचनाएं श्रोताओं के दिल और आत्मा में गहराई से प्रवेश करती हैं। सुरेंद्र शर्मा एक भारतीय कवि, लेखक और हास्यकार हैं।वह अक्सर अपने और अपनी पत्नी के हास्य रेखाचित्र लिखते और प्रस्तुत करते हैं और हरियाणवी बोली में अपने ‘चार लैना सुना रहा हूं’ के लिए जाने जाते हैं।साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2013 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

शिमला के गेयटी में दमदार प्रस्तुति दी। हास्य रस के सुप्रसिद्ध कवि , लेखक पद्म श्री सुरेन्द्र शर्मा की हास्य रस की कविताओं का लोगों ने लुत्फ़ उठाया। उन्होंने नये अंदाज़ में एकल परिवारों पर करारी चोट की। हंसाया कम, रूलाया ज्यादा।शर्मा जी ने अपनी ‘चार लाइनां’ में आज के परिवारों में टूटते रिश्तों मां, भाई बहन, घरों में बिना मिट्टी गारे की बनी दीवारों का इतना जीवंत ख़ाका खींचा कि गेयटी थियेटर शिमला में बैठे श्रोताओं की आंखें डबडबा गई। गेयटी थियेटर, शिमला, परिवार की बातें और बातों में हास्य का पुट ऐसा रहा कि उनके ऐसे अंदाज़ का हर कोई क़ायल हुआ।