मुख्यमंत्री ने की दूध का खरीद मूल्य 6 रुपए बढ़ाने तथा जनवरी, 2024 से गोबर खरीद योजना शुरू करने की घोषणा
विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च वहन करेगी राज्य सरकार
आपदा प्रभावित कांगड़ा जिला के 581 प्रभावित परिवारों को 13.58 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी
एक साल में एक भी दिन घर नहीं बैठे मुख्यमंत्री, रात-दिन किया कामः शुक्ला
उपलब्धियों भरा रहा प्रदेश सरकार का एक साल का कार्यकाल: उप-मुख्यमंत्री
IBEX NEWS,शिमला।
वर्तमान राज्य सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिला कांगड़ा के धर्मशाला में आयोजित ‘व्यवस्था परिवर्तन का एक साल’ राज्य स्तरीय समारोह के अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम लोगों की सरकार है, जिसमें महिलाओं, युवाओं, किसानों और कर्मचारियों सहित हर वर्ग को सम्मान मिल रहा है।
इस अवसर पर उन्होंने लाहौल-स्पिति जिला की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जनवरी माह से 1500 रुपए की राशि देने की घोषणा की और कहा कि सरकार निकट भविष्य में सभी महिलाओं के साथ किया गया वादा निभाएगी।
जिन महिलाओं को अभी 1100 रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं, उन्हें भी अगले वर्ष से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अगले वित्त वर्ष से विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा भी की।
उन्होंने दूध का खरीद मूल्य 6 रुपए बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार जनवरी, 2024 से गोबर खरीद योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों की समृद्धि की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के दृष्टिगत अनेक महत्वपूर्ण फैसले ले रही है। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जेओए (आईटी) की भर्ती रुकी रही, लेकिन हमारी सरकार ने इसकी बेहतर ढंग से पैरवी की और सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार के हक में फैसला आया। उन्होंने कहा कि जल्द ही पोस्ट कोड 817 व 939 का रिजल्ट भी घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ माह में वर्तमान राज्य सरकार सरकारी क्षेत्र में 20 हजार रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, जिनमें वन मित्र भर्ती, पटवारी भर्ती, मल्टीटास्क वर्कर, पुलिस व शिक्षक भर्ती इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में भी इतनी नौकरियां नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में अनेक फैसले ले रही है। राजस्व बढ़ोतरी के लिए कई उपाय किए गए हैं और शराब ठेकों की नीलामी से सरकार का राजस्व 500 करोड़ रुपए बढ़ा है। इस एक वर्ष में आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखी गई है तथा वर्ष 2027 तक हिमाचल आत्मनिर्भर और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्धतम राज्य बनेगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं था, लेकिन 40 वर्ष की तपस्या को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने मुझे प्रदेश की सेवा का मौका दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद रुटीन कार्य करने के बजाए उन्होंने अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में आम और खास के बीच का फासला कम करने के लिए कई कदम उठाए गए। आने वाले वर्ष में सरकार की योजनाएं आम आदमी, किसानों और युवाओं से जुड़ी होंगी।
उन्होंने कहा कि एक वर्ष में तीन गारंटियां पूरी कर दी गई हैं। बिना किसी राजनीतिक लाभ को देखते हुए पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन लागू की ताकि कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। साथ ही 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है। जिसके तहत ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी। अगले सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संवेदनशील सरकार है, जो जनता की भावना को बेहतर ढंग से समझती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बिकते रहे। भ्रष्टाचार रोकने और युवाओं केे हितों के साथ हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए इसे भंग करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने की नीयत से अपने अंतिम वर्ष में 14 हजार करोड़ का भारी-भरकम कर्ज लिया, जिसका खामियाजा वर्तमान कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति पर उप-मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कमेटी बनाकर श्वेत-पत्र लाया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया। उनके कल्याण के लिए देश का पहला कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की शुरुआत की, जिसके तहत 27 वर्ष की आयु तक उनकी देखभाल, उच्च शिक्षा तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार उचित सहायता देगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसी वर्ष राज्य ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना किया। इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए सरकार विधानसभा में संकल्प लेकर आई, लेकिन भाजपा वहां भी प्रभावितों के साथ खड़ी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक कोई विशेष पैकेज प्राप्त नहीं हुआ है, इसके बावजूद अपने सीमित संसाधनों से राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया, ताकि प्रभावितों को उचित सहायता प्रदान की जा सके। उनको बिजली, पानी के फ्री कनेक्शन के साथ-साथ निःशुल्क गैस सिलेंडर और गृह निर्माण के लिए 280 रुपए की दर से सीमेंट बोरी प्रदान कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में किराए के लिए 5000 रुपए तथा शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए किराए के रूप में दे रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों ने भी केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष हिमाचल प्रदेश के हितों की पैरवी नहीं की, जो प्रदेश के लोगों के प्रति उनके उदासीन रवैये को दर्शाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्तमान प्रदेश सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा तैयार एक कॉफी टेबल बुक, 365 दिन 365 फैसले पुस्तिका, ई-बुक तथा पत्रिका का विमोचन भी किया गया। यह सामग्री विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई गई है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित कांगड़ा जिला के 581 प्रभावित परिवारों को 13.58 करोड़ रुपये की राशि पहली किस्त के रूप में वितरित की गई।
डमटाल मंदिर ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक करोड़ का चेक आपदा राहत कोष-2023 में दिया गया।
ओपीएस यूनियन ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सम्मानित किया।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार का एक साल का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है, लेकिन भाजपा आदतन प्रदर्शन कर रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में स्थिर सरकार काम कर रही है, जो पूरे पांच साल लोगों की सेवा करेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 92 हजार करोड़ रुपए की देनदारियां व कर्ज विरासत में छोड़ा, जिसमें 12 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारियां थी। उन्होंने कहा कि सभी गारंटियां पूरी करना सरकार का राजधर्म है और हर हाल में यह पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ओपीएस देने से साफ इनकार किया, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे सबसे पहले पूरा किया। पिछली सरकार के कार्यकाल में हर भर्ती में घोटाला हुआ, जबकि आज पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता प्रदेश में बुरी तरह हारने के बाद आज दूसरे राज्यों में चुनावी जीत का जश्न मना रहे हैं तथा उनकी हालत बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसी हो गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा को करारी हार का मुंह देखना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी एवं सांसद राजीव शुक्ला ने वर्तमान सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि एक भी दिन मुख्यमंत्री घर नहीं बैठे तथा दिन-रात जनता की सेवा में जुटे रहे। आपदा के दौरान रात को जाग-जाग कर ठंड के बीच लोगों की मदद की। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल करने से प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख कर्मचारियों को लाभ मिला है। युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना आरंभ की गई है और महिलाओं की गारंटी को भी चरणबद्ध लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार हिमाचल पर कर्ज का पहाड़ छोड़कर गई लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार प्रदेश को सबसे समृद्धतम राज्य बनाएगी और अपनी हर गारंटी पूरा करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि इस एक साल के कार्यकाल में प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम आरम्भ किए गए हैं ताकि उनका सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ किए गए वादे को आने वाले समय में निभाया जाएगा। उन्होंने ओपीएस बहाल करने के लिए सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि हिमाचल में अभूतपूर्व आपदा के बीच मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ लेकिन राज्य सरकार ने तुरंत कदम उठाए और प्रभावितों को राहत प्रदान की। आपदा में प्रदेश को विशेष आर्थिक सहायता के लिए उन्होंने सभी सांसदों से मिलकर प्रधानमंत्री से मिलने की अपील की, लेकिन भाजपा सांसदों ने इस में कोई रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों की दिल खोल कर मदद की, जिसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार को हिमाचल निर्माता के रूप में जाना जाता है, वहीं ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री के रूप में एक वर्ष के कार्यकाल में अनेकों ऐतिहासिक निर्णय लेकर अपनी विशेष पहचान बनाई है। सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य इस एक वर्ष में हुआ है, जिससे जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश गया है। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों को 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें मुआवजा राशि 25 गुणा तक बढ़ाई गई है। घर को नुकसान पर राहत राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपए की गई है। प्रदेश की कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद प्रभावितों को भरपूर मदद सुनिश्चित की गई।
स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा ने राज्य सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प लेकर विपरीत परिस्थितियों में इस दौरान ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। आपदा के दौरान मुख्यमंत्री ने जमीनी हालात को समझा और 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज प्रभावित लोगों को प्रदान किया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया गया है और जिला के लोग राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कांगड़ा जिला के लिए नई सोच रखने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार भी व्यक्त किया।
कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
धर्मशाला में दिखी मिनी हिमाचल की झलक
राज्य सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर धर्मशाला में मिनी हिमाचल की झलक देखने को मिली। अलग-अलग जिलों से आए कलाकारों ने अपनी-अपनी समृद्ध संस्कृति का परिचय दिया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला को कांगड़ा पेंटिंग व शॉल-टोपी भेंट कर सम्मानित किया।
इससे पहले युद्ध स्मारक धर्मशाला पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा ट्रेंड्स मॉल से सभा स्थल तक पैदल रोड शो भी निकाला गया, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने जिलों के पारंपरिक परिधान पहनकर रोड शो में शामिल हुए।
इस अवसर पर कांग्रेस के सह प्रभारी तेजेंद्र बिट्टू, सभी मंत्री, कांग्रेस विधायक, पूर्व मंत्री एवं विभिन्न बोर्डों और कॉरपोरेशन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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