सत्र शुरू होने से पूर्व विधानसभा परिसर में भाजपा विधायकों ने सरकार की गारंटियों को धरातल पर लागू न करने के विरोध में फ्लेक्स बैनर पहने। हालांकि पहले दिन की बैठक शुरू हुई तो भाजपा दोपहर तक सदन में शांत नजर आई। सवा दो बजे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वाटर सेसपर केंद्र सरकार को कोसा तो इस पर विपक्ष भड़क उठा और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
IBEX NEWSNETWORK, शिमला।
विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र में मंगलवार को पहले दिन की कार्यवाही की शुरुआत चंबा के पूर्व विधायक दिवंगत बीके चौहान पर शोकोद्गार वक्तव्य से हुई। शोकोद्गार प्रस्ताव पर यह चर्चा करीब पौने घंटे तक चली। इसके बाद सुबह करीब पौने बारह बजे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल की घोषणा की तो यह केवल 15 मिनट तक ही चला। एक प्रश्न पर मौखिक जवाब के बाद प्रश्नकाल खत्म हो गया। बाकी प्रश्नों के उत्तर सदन के पटल पर रखे गए। इसके बाद नूरपुर के भाजपा विधायक रणबीर सिंह निक्का ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाते हुए फोरलेन बनने से खज्जियां में गोसदन बंद होने का मामला उठाया।इसके तत्पश्चात् कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा ने नवीकरणीय ऊर्जा पर नियम 63 के तहत अल्पकालीन चर्चा लाई। कई विधायकों ने इस चर्चा में भाग लिया। करीब 2:15 बजे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस चर्चा पर जवाब देने उठे और उन्हाेंने भाजपा पर निशाना साधा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश के हित बेचने का काम किया। भाजपा सरकार की ओर से SJVN को दी तीन बिजली परियोजनाओं के समझौते को वर्तमान सरकार को इसी वजह से रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में जहां पर भाजपा की सरकारें हैं, वहां वाटरसेस लिया जा रहा है, जबकि प्रदेश में इसे लागू नहीं होने दिया जा रहा है।इसके लिए केंद्र कोर्ट चला गया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विपक्ष के अन्य विधायकों ने कहा कि सच यह नहीं है। केंद्र सरकार की सभी राज्यों के लिए वाटरसेस पर एक ही नीति है। इस पर सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आमने-सामने हो गए। सदन में हंगामा हुआ तो इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव का दोनों ओर से प्रस्ताव रखा गया और एक ही नाम विनय कुमार पर सबने सहमति दर्ज कर ली। इसके बाद नियम 130 के तहत दो चर्चाएं हुईं।
सीएम ने नए मंत्रियों का कराया परिचय, नेता प्रतिपक्ष ने विभाग नहीं देने की ली चुटकी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा सदन में राज्य सरकार के दो नए कैबिनेट मंत्रियों राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा का सभी सदस्यों से परिचय कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मंत्रियों को जल्द ही विभाग आवंटित किए जाएंगे। यादवेंद्र गोमा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा से पहली बार किसी अनुसूचित जाति वर्ग के नेता को मंत्री बनाया गया है। पूर्व की किसी भी सरकार में इस वर्ग के नेता को मंत्री नहीं बनाया गया। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि एक साल बाद तो आपने मंत्री बनाए हैं। अब विभाग देने के लिए और कितना इंतजार करवाया जाएगा। इसको लेकर सदन में खूब ठहाके लगे।
धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार सुबह 11:00 बजे सियासी तपिश के साथ शुरू हो गया। चौदहवीं विधानसभा का यह चौथा सत्र सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के साथ पहले दिन ही तप गया। सत्र शुरू होने से पूर्व विधानसभा परिसर में भाजपा विधायकों ने सरकार की गारंटियों को धरातल पर लागू न करने के विरोध में फ्लेक्स बैनर पहने।
हालांकि पहले दिन की बैठक शुरू हुई तो भाजपा दोपहर तक सदन में शांत नजर आई। सवा दो बजे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वाटर सेसपर केंद्र सरकार को कोसा तो इस पर विपक्ष भड़क उठा और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र मंगलवार को शुरू हुआ, जो 23 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। पहले दिन की कार्यवाही की शुरुआत चंबा के पूर्व विधायक दिवंगत बीके चौहान पर शोकोद्गार वक्तव्य से हुई। शोकोद्गार प्रस्ताव पर यह चर्चा करीब पौने घंटे तक चली। इसके बाद सुबह करीब 11:45 बजे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल की घोषणा की तो यह केवल 15 मिनट तक ही चला। एक प्रश्न पर मौखिक जवाब के बाद प्रश्नकाल खत्म हो गया। बाकी प्रश्नों के उत्तर सदन के पटल पर रखे गए। इसके बाद नूरपुर के भाजपा विधायक रणबीर सिंह निक्का ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाते हुए फोरलेन बनने से खज्जियां में गोसदन बंद होने का मामला उठाया।
फिर कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा ने नवीकरणीय ऊर्जा पर नियम 63 के तहत अल्पकालीन चर्चा लाई। कई विधायकों ने इस चर्चा में भाग लिया। करीब 2:15 बजे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस चर्चा पर जवाब देने उठे और उन्हाेंने भाजपा पर निशाना साधा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश के हित बेचने का काम किया। भाजपा सरकार की ओर से एसजेवीएन को दी तीन बिजली परियोजनाओं के समझौते को वर्तमान सरकार को इसी वजह से रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में जहां पर भाजपा की सरकारें हैं, वहां वाटरसेस लिया जा रहा है, जबकि प्रदेश में इसे लागू नहीं होने दिया जा रहा है।
इसके लिए केंद्र कोर्ट चला गया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विपक्ष के अन्य विधायकों ने कहा कि सच यह नहीं है। केंद्र सरकार की सभी राज्यों के लिए वाटरसेस पर एक ही नीति है। इस पर सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आमने-सामने हो गए। सदन में हंगामा हुआ तो इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव का दोनों ओर से प्रस्ताव रखा गया और एक ही नाम विनय कुमार पर सबने सहमति दर्ज कर ली। इसके बाद नियम 130 के तहत दो चर्चाएं हुईं।
सीएम ने नए मंत्रियों का कराया परिचय, नेता प्रतिपक्ष ने विभाग नहीं देने की ली चुटकी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा सदन में राज्य सरकार के दो नए कैबिनेट मंत्रियों राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा का सभी सदस्यों से परिचय कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मंत्रियों को जल्द ही विभाग आवंटित किए जाएंगे। यादवेंद्र गोमा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा से पहली बार किसी अनुसूचित जाति वर्ग के नेता को मंत्री बनाया गया है। पूर्व की किसी भी सरकार में इस वर्ग के नेता को मंत्री नहीं बनाया गया। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि एक साल बाद तो आपने मंत्री बनाए हैं। अब विभाग देने के लिए और कितना इंतजार करवाया जाएगा। इसको लेकर सदन में खूब ठहाके लगे।