मंत्रिमंडल के अहम फैसलों के बारे में सीएम ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पत्रकारवार्ता कर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आठ जनवरी से सरकार गांव के द्वार योजना शुरू करने जा रही है इसके तहत राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जाएंगे।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की कैबिनेट ने नए साल पर प्रदेश की जनता के हक में अहम निर्णय किए हैं। सीएम ने प्रेस वार्ता कर बताया कि राज्य सरकार दिव्यांग बच्चों के लिए योजना लाई है। ऐसे बच्चों के लिए एक शिक्षण संस्थान बनाएंगे। जब बच्चा स्कूल की पढ़ाई कर लेगा तो उसी स्कूल में इंटीग्रेटेड शिक्षा दी जाएगी। एक एकीकृत संस्थान खोला जाएगा।आगे जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है। तीन जनवरी को वह सिरमौर जाकर भी इस बारे में संबोधित करेंगे। इसके अलावा एक अन्य फैसला बेरोजगारों के बारे में लिया गया है। 90 फीसदी जनसंख्या गांव में रहती है। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के फेज 2 को मंजूरी दी है। तीन बीघा वाले युवाओं को हर महीने 20 हजार रुपये मिलेगा। उन्हें सालाना 2 लाख 40 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए 240 करोड़ रुपये की इक्विटी बिजली बोर्ड को दी जाएगी।
इस योजना का तीसरा चरण भी आएगा। गांव की अर्थव्यवस्था को इससे मजबूत किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आठ जनवरी से सरकार गांव के द्वार योजना शुरू कर रही है। राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जाएंगे। ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम शुरू हो रहा है। ये सब पंचायतों का दौरा करेंगे और योजनाएं के बारे में जानकारी देंगे।ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में युवाओं को सशक्त बनाने व स्वच्छ ऊर्जा पहल को आगे बढ़ाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा के दोहन के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के चरण-2 को शुरू करने का निर्णय लिया गया। यह योजना 100 किलोवाट से 500 किलोवाट तक क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं (एसपीपी) को स्थापित करने पर केंद्रित है। यह योजना राज्य के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में मील पत्थर साबित होगी। यह योजना 21 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगी।
योजना के तहत प्रतिभागियों को तीन बीघा भूमि पर 100 किलोवाट क्षमता की परियोजना स्थापित करने के लिए 25 वर्षों तक लगभग 20,000 रुपये मासिक आय और क्रमशः पांच और दस बीघा भूमि में स्थापित की जाने वाली 200 किलोवाट और 500 किलोवाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए 40,000 रुपये व एक लाख प्रतिमाह मासिक आय प्राप्त होगी।
योजना के तहत, वित्तपोषण में राज्य सरकार द्वारा 70 प्रतिशत बैंक ऋण उपलब्ध करवाने में सहायता और राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत इक्विटी प्रदान की जाएगी। सौर ऊर्जा डेवलपर को केवल 10 प्रतिशत जमानत राशि जमा करवानी होगी। यह जमानत राशि 25 वर्षों के उपरान्त डेवलपर को वापिस कर दी जाएगी।
मंत्रिमण्डल ने 8 जनवरी, 2024 से पूरे राज्य में ‘सरकार गांव के द्वार’ शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान 12 फरवरी, 2024 तक गांवों के समूहों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया जाएगा।