iBEX NEWS,शिमला।
केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली में बायो सेफ्टी लेवल तीन (बीएसएल थ्री) प्रयोगशाला स्थापित होगी। इस लैब के माध्यम से भविष्य में आने वाले नए वायरस और बैक्टीरिया का वैज्ञानिक शोध करेंगे। यह शोध स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएंगे और जल्दी ही दवाएं भी निर्मित की जा सकेंगी। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्यम से बीएसएल लैब का शिलान्यास किया। इस मौके पर वर्चुअल माध्यम से राज्य स्वास्थ्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और भारती परवीन पवार भी जुड़े। जबकि सीआरआई में शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप मौजूद रहे।
एनसीडीसी दिल्ली के उन्नयन का उद्घाटन और एनसीडीसी क्षेत्रीयn शाखा, छह राज्य शाखा, दो बीएसएल-3 का शिलान्यास किया गया। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के कहा कि लैब को स्थापित करने का मकसद स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाना है। देश को समृद्ध करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र विभिन्न रोगों को रोकने में सहायक सिद्ध होगी।
लैब स्थापित होने के साथ ही यह कार्य करना शुरू कर देगी। इस लैब में भविष्य में आने वाले खतरनाक वायरस का अनुसंधान करना आसान होगा। लैब को लगाने के लिए केंद्र सरकार और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बीते वर्ष मंजूरी दी थी। खास बात यह है कि प्रदेश की यह पहली लैब होगी। लैब में आधुनिक मशीनों को लगाया जाएगा। जिसमें अनुसंधान कार्य को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। अभी तक किसी भी वायरस का पता लगाने का कार्य दिल्ली लैब में किया जाता था।
- अभी तक खतरनाक वायरस का नहीं लगता था पता
- सीआरआई में अभी तक स्थापित लैब में खतरनाक वायरस के बारे में नहीं पता चल पता था। हालांकि कम नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया के बारे में अनुसंधान होता है। वहीं इनसे होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाकर वैक्सीन का उत्पादन भी किया जाता है। यहां अब वैज्ञानिकों को लैब की नई व्यवस्था मिल जाएगी। कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की जीनोम स्टडी भी कसौली में हो सकेगी।