IBEX NEWS,शिमला।
राजधानी शिमला के मालरोड स्थित पुलिस कंट्रोल रूम के पास एक रेस्तरां के अंदर हुए संदिग्ध धमाके के मामले में पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस ने आपराधिक साजिश, झूठा साक्ष्य देने और षड्यंत्र के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया है। सामाजिक कार्यकर्ता कर्मचंद भाटिया ने इसकी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने इस घटना की फॉरेंसिक लैब जुन्गा और एनएसजी लैब दिल्ली से प्राप्त रिपोर्ट की विविधता पर सवाल उठाए हैं। इसमें पूरे मामले को षड्यंत्र के तहत साजिश करार देते हुए दोषियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आरोप लगाया है कि इस घटना की हिमाचल के जुन्गा फोरेंसिक और एनएसजी लैब दिल्ली से प्राप्त रिपोर्ट की विविधता से आम जनमानस में डर का माहौल फैलाया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि 18 जुलाई को शाम 7:12 बजे मिडल बाजार में शिवमंदिर के पास हिमाचली रसोई रेस्तरां के अंदर धमाका हुआ था। इसमें एक स्थानीय कारोबारी सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। 12 लोग घायल हो गए थे। हादसे के समय रेस्तरां बंद था और अंदर मरम्मत कार्य चला था। इस धमाके में 7 से 8 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। घटना के चार दिन बाद 23 से लेकर 30 जुलाई तक नेशनल सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के अधिकारियों ने डॉग स्क्वायड और नेशनल बम डेटा सेंटर टीम के साथ मौके से साक्ष्य जुटाए थे। 31 जुलाई को शिमला पुलिस ने जुन्गा स्थित राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) की जांच रिपोर्ट के आधार पर धमाके को एलपीजी गैस रिसाव बताया था। विश्लेषण करने पर ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली है जिसका इस्तेमाल विस्फोटों के लिए किया जाता है।
कैसे हुआ धमाका, किसकी गलती से बेकसूर को गवानीं पड़ी थी जान
धमाके में कारोबारी अवनीश सूद सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा रमेश (18) , राकेश (18), मनीष (25), मनीष (31), चंद्रमणी शर्मा (55), कृष्ण गोपाल (29), योगराज (33), अरशद (18), प्रेमचंद (66), शुभम और राकेश घायल हुए थे। इस बीच एसआईटी को निर्देश दिए गए थे कि न केवल दुर्घटना के कारणों का पता लगाएगी बल्कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इस पर भी रिपोर्ट सौंपेगी। मामले में पुलिस सदर थाना में आईपीसी की धारा 336, 337 और 304-ए के तहत मामला दर्ज हुआ था।