IBEX NEWS, शिमला
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता देवेन्द्र बुशैहरी ने कहा है कि सेब बाहुल क्षेत्रों के लोगों के साथ भाजपा सरकार हमेशा से बहुत बड़ा भेदभाव करती रही है जिस कारण भाजपा के शसनकाल में बागवान हमेशा बहुत परेशान रहे है। उन्होंने कहा कि इस बार भी भाजपा सरकार ने सेब की पेकेजिंग सामाग्री के दामों में बढ़ोतरी करके बागवानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। कार्टन की आसमां छू रही किमतों के कारण बागवानों को अपना सेब मंडियों तक पंहुचाने में भारी कठिनाईयों का सामना कर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि बीते साल सौ टेª का जो बंडल 450 रु0 से 500 रुपये में मिल रहा था इस बार वही 700 से 800 रुपये प्रति बंडल मिल रहा है जिसमें इसकी किमतों में 250 रुपयें प्रति बंडल की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह बीते साल जो पेटी 45 से 65 रुपयें प्रति पेटी मिल रही थी इस बार इसके 60 से 80 रुपये देने पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि इस बार प्रति पेटी के दाम 20 से 25 रुपये बढ़े है।
बुशैहरी ने कहा कि कार्टन] ग्रेडिग] पेकिंग] ढुलाई सहित कुल मिलाकर 20 से 25 किलों की पेटी को मंडी तक पंहुचाने में 300 से 400 तक की लागत आ रही है। जहां पिछले साल डीजल के दाम 90 रु0 थे वहीं इस साल 83 रु0 प्रति लिटर हो गया है, लेकिन प्रशासन ने ढुलाई का भाढ़ा कम नहीं किया है। जी एस टी की दर 12 से 18 प्रतिशत करके प्रदेश की भाजपा सरकार ने बागवानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। राज्य सरकार के बागवान विरोधी इस रवैये का कांग्रेस पार्टी कढ़ा विरोध करती है।
बुशैहरी ने कहा कि गत वर्ष बेमौसमी बर्फबारी के कारण हजारों बागवानों के सेब के पेड़ टूट कर नष्ट हो गए थे] तब भी राज्य सरकार ने प्रभावित बागवानों की कोई भी मदद नहीं की जबकि सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन मिलते रहे कि बागवानों के इस नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है परन्तु आतजक इन प्रभावित बागवानों को मुआवजे के तौर पर फुटी कौड़ी भी नहीं मिली। बागवानों ने अपनी इस समस्या के विरोध में पिछले वर्ष बागवानी मंत्री का घेराव तक किया और कांग्रेस पार्टी भी समय समय पर बागवानों के हितों के लिए आंदोलन करती रही है परन्तु भाजपा सरकार बागवानों के हितों के प्रति हमेशा से असंवेदनशील रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2016 में बागवानी के विकास परियोजना में विश्व बैंक से बागवानी मिशन के तहत 1134 करोड़ का जो पेकेज मिला था उस पर राज्य सरकार श्वेत पत्र जारी कर जनता को बताए कि इस धनराशि को कहां खर्च किया गया।