IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में एक राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है। आंकड़ों के लिहाज से ये सीट कांग्रेस की झोली में जानी तय थी लेकिन बीजेपी ने उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। खास बात ये है कि बीजेपी ने 4 दशक तक कांग्रेस में रहे हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया है। इसलिये सवाल उठना लाजमी है
हिमाचल में इस बार राज्यसभा के चुनावों की जंग रोचक दिख रही हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रदेश से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन-पत्र दाखिला किया है। वहीं भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने अपना नामांकन पक्ष दाखिल किया। दोनों ही नेताओं के साथ उनकी पार्टी के बडे़ नेताओं के साथ विधायकों व सांसदों तक का कुनबा मौजूद रहा है।
कांग्रेस प्रत्याशी के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी इंचार्ज राजीव शुक्ला, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह उपस्थित थीं। छत्तीस गढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व विधायक आशा कुमारी सहित सभी मंत्री, कांग्रेस व तीन निर्दलीय विधायक कांग्रेस विधायकों के साथ इस अवसर पर मौजूद रहे।
नामांकन के बाद महाजन ने कहा कि काग्रेस के सभी पीड़ित विधायक अपनी अंतरआत्मा को सुनते हुए मतदान करेंगे। लंबे समय से राजनीति में हूं, भाजपा में सम्मान मिला है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल सहित भाजपा के अन्य विधायक मौजूद रहे। राज्यसभा के सदस्य डा. सिकंदर कुमार से लेकर लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप से लेकर अन्य सभी नेता भी मौजूद रहे।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सिंघवी ने कहा कि हिमाचल में मेरा पारिवारिक व कानूनी दोनों ही तरह से नाता है। मेरी बहु हिमाचल से हैं, हिमाचल के कई कानूनी केस विभिन्न अदालतों में लड़ चुका हूं।
राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 15 फरवरी थी। इनकी छंटनी 16 फरवरी को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी, मतदान की तिथि मंगलवार 27 फरवरी और इसी दिन रिजल्ट आएंगे। विधानसभा परिसर में मतदान का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक रहेगा।
हिमाचल में मौजूदा समय में जो एक सीट खाली हो रही है। वोटों के गणित के हिसाब से जिसे 35 विधायकों के वोट मिलेंगे वो राज्यसभा पहुंचेगा। कल तक ये सीधे कांग्रेस की झोली में जा रही थी लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार उतारते ही मुकाबला दिलचस्प हो गया है। राज्य में 40 विधायकों के साथ कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है, जबकि बीजेपी के 25 विधायक हैं और 3 निर्दलीय विधायक भी वोटिंग में हिस्सा लेंगे। अब सवाल है कि अगर ये सीट सीधे-सीधे कांग्रेस के खाते में जा रही थी तो बीजेपी ने उम्मीदवार क्यों उतारा है ? क्या बीजेपी हिमाचल में भी “बड़ा सियासी खेला”करने की तैयारी में है..
देश के तमाम राज्यों की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस की कलह गाथा किसी से छिपी नहीं है। मौजूदा समय में सुधीर शर्मा से लेकर राजेंद्र राणा तक अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कार्यकर्ताओं की अनदेखी पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करती रहती हैं और कुछ अपनी सरकार में मलाईदार पोस्ट ना मिलने से नाराज हैं।इस बीच राज्यसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव दहलीज पर दस्तक देने को हैं। बीजेपी की मंशा इसी अंतर्कलह का फायदा उठाने की है।