अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किन्नौर के रिकांग पिओ स्थित इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया जिला स्तरीय कार्यक्रम।
पुलिस अधीक्षक सृष्टि पांडे ने कहा कि महिलाओं का जीवन कठिन व चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने सभी महिलाओं से एक-दूसरे का हाथ थामने व साथ देने का प्रण लेने को कहा।
IBEX NEWS,शिमला।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज किन्नौर जिला के रिकांग पिओ स्थित इंडोर स्टेडियम में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि इस वर्ष महिला दिवस की थीम इंसपायर इन्कल्यूशन यानि समावेशन को प्रेरित करें रखी गई हैं जिसके तहत हमें जहां महिलाओं का सम्मान करना है वहीं अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना है।
उपायुक्त ने कहा कि किन्नौर जिला की संस्कृति समृद्ध व अदभुद्ध है तथा सबसे वाईब्रेंट है। उन्होंने कहा कि जिला की महिलाएं अत्यंत मेहनती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में आंगनवाड़ी और आशावर्कर की भूमिका अहम रहती है। उन्होंने कहा कि महिला सशिक्तकरण के लिए सबसे अहम आत्म विश्वास है जिसके लिए उन्होंने महिलाओं को उनमें आत्म विश्वास बनाए रखने को कहा।
उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व बनता है कि मातृ शक्ति को सम्मान दें तथा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने महिलाओं खासकर बच्चियों से आग्रह किया कि वे मन लगाकर शिक्षा ग्रहण करें क्योंकि शिक्षा से ही उनका व समग्र समाज का विकास सुनिश्चित होता है। उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे बेटियों को बेटे के समान दर्जा दें ताकि बेटियों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सृष्टि पांडे ने कहा कि महिलाओं का जीवन कठिन व चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने सभी महिलाओं से एक-दूसरे का हाथ थामने व साथ देने का प्रण लेने को कहा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने के लिए अनेक कानून बने हैं परंतु कई बार देखने में आता है कि महिलाएं किन्हीं कारणवश उन पर हो रहे अत्याचार के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने से कतराती हैं। इसलिए महिलाओं को स्वयं को प्राथमिकता देना अति आवश्यक है।
इस अवसर पर डॉ. हेमलता ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित जनों को पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि समाज का यह दायित्व बनता है कि वे महिलाओं को सम्मान प्रदान करें तथा उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अवसर के साथ प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं जिनका फायदा उठाने के लिए महिलाओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं सरकारी तथा गैर-सरकारी क्षेत्र में ऊंचे-ऊंचे पदों पर सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने महिलाओं से अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का आग्रह किया।
महिला हैड कांस्टेबल शुभ कांता ने इस अवसर पर महिलाओं के संरक्षण से संबंधित अधिनियमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में भी महिलाओं के प्रति प्रताड़ना व अत्याचार के मामलों में बढ़ौतरी हुई है। इसका कारण जिले में महिला साक्षरता दर को भी जाता है क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वेक्षणों से सामने आया है कि जिन राज्यों की साक्षरता दर अधिक है वहां महिला अत्याचार के मामले थानों में अधिक दर्ज हुए हैं।
इस अवसर पर समाज को नई राह दिखाने वाली महिलाओं व बेटियों को भी स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस दौरान महिला सशक्तिकरण पर डाईट की छात्रा साक्षी द्वारा भाषण प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता परियोजना टापरी व कल्पा द्वारा द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि ने इन्हें भी नगद पुरूस्कार व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यवाहक जिला कार्यक्रम अधिकारी संजोक सिंह मैहता ने इस अवसर पर धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व किन्नौर जिला के रामलीला मैदान से इंडोर स्टेडियम तक महिलाओं द्वारा एक जागरूकता रैली निकाली गई जिसे उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर पंचायत समिति की अध्यक्षा ललिता पंचारस, तहसीलदार कल्पा कंचन, जिला आयुष अधिकारी इंदु शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी बलबीर ठाकुर, सीडीपीओ सुभद्रा व आईसीडीएस के तीनों ब्लॉकों के पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
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