कांग्रेस के बागी व भाजपा से धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने सीएम सुखविंद्र सिंह को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा ।
IBEX NEWS,शिमला।
कांग्रेस के बागी व भाजपा से धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने सीएम सुखविंद्र सिंह को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है। सुधीर ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कुटलैहड़ में बागी विधायकों के 15-15 करोड़ में बिकने के सीएम के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। सुधीर ने कहा कि सीएम के पास सबूत है तो जनता के सामने रखें।सुधीर ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि सीएम सुक्खू का यह बयान कि सारे विधायक 15-15 करोड़ रुपये में बिक गए, हास्यास्पद है। सुधीर ने कहा कि उन्होंने सीएम पर मानहानि का दावा करते हुए नोटिस दिया है। मंच से किसी के बारे में बिना जांचे-परखे कुछ भी कहना गलत है। एक युवा कांग्रेस के प्रधान की तरह बातें करना मुख्यमंत्री को बिल्कुल शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि सीएम को अदालत में पेश होकर इसका जवाब देना होगा।
कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के समूरकलां में चुनावी जनसभा के दौरान गुरुवार को सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बागियों को लेकर दिए गए बयान पर सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बयान पर राजेंद्र राणा ने पलटवार कहा है। उन्होंने आरोप लगाया हैं की मुख्यमंत्री का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। सरकार को मुख्यमंत्री का बेहतर अस्पताल में चेकअप करवाना चाहिए। मुख्यमंत्री के ऊपर मानहानि का दावा किया जाएगा तथा आपराधिक मामले का नोटिस भेजा जाएगा।
कहा कि सीएम सुक्खू को शनिवार को 10 बजे से पहले कोर्ट से नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस तैयार कर लिया गया है। इस मामले को अब कोर्ट में ही लड़ा जाएगा। इस मामले में मुख्यमंत्री पर मानहानि का दावा, क्रिमिनल केस और सिविल सूट किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में इस तरह की संस्कृति नहीं थी। पूर्व विधायक व कुटलैहड़ से भाजपा प्रत्याशी को पीटने की बात की जा रही है। हिमाचल प्रदेश में किसी भी विधायक ने इस तरह से बयान नहीं दिए हैं। सभी नौ विधायक अब इस लड़ाई को कोर्ट में लड़ेंगे। सीएम सुक्खू मनघड़ंत आरोप लगा रहे हैं।
विधायक देवेंद्र भुट्टो के बारे में भी आपत्तिजनक टिप्पणी सीएम ने की है। ऐसी बातें व्यक्ति बौखलाहट में ही करता है। सुधीर ने कहा कि हमीरपुर में क्रशर किसका है, दुबई इन्वेस्टर मीट के नाम पर सरकारी खर्चे पर सीएम एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने चले गए। बद्दी के भीतर एक महीने से कई उद्योगों की दोगुनी कीमतों पर खरीद-फरोख्त हो रही है, इसके लिए धारा 118 की अनुमति आवश्यक होती है, जिस पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हैं। उस पर सीएम क्या जवाब देंगे। प्रदेश को मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र से 100 करोड़ रुपये मिले थे, उसे क्यों लौटाया जा रहा है। अतिरिक्त लोन क्यों लिया जा रहा है। इन सब बातों का सीएम को जनता के समक्ष जवाब देना होगा। सुधीर ने कहा कि सबूत मुख्यमंत्री के पास नहीं, हमारे पास हैं और जल्द सबके सामने रखेंगे।
ऊना में मुख्यमंत्री पर बरसे देवेंद्र भुट्टो, लगाए कई आरोप
विधायक देवेंद्र भुट्टो के बारे में भी आपत्तिजनक टिप्पणी सीएम ने की है। ऐसी बातें व्यक्ति बौखलाहट में ही करता है। सुधीर ने कहा कि हमीरपुर में क्रशर किसका है, दुबई इन्वेस्टर मीट के नाम पर सरकारी खर्चे पर सीएम एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने चले गए। बद्दी के भीतर एक महीने से कई उद्योगों की दोगुनी कीमतों पर खरीद-फरोख्त हो रही है, इसके लिए धारा 118 की अनुमति आवश्यक होती है, जिस पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हैं। उस पर सीएम क्या जवाब देंगे। प्रदेश को मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र से 100 करोड़ रुपये मिले थे, उसे क्यों लौटाया जा रहा है। अतिरिक्त लोन क्यों लिया जा रहा है। इन सब बातों का सीएम को जनता के समक्ष जवाब देना होगा। सुधीर ने कहा कि सबूत मुख्यमंत्री के पास नहीं, हमारे पास हैं और जल्द सबके सामने रखेंगे।
जो बयानबाजी कर रहे, वो खुद खरीद-फरोख्त की राजनीति में रखते हैं विश्वास:आशीष
विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी राजनितिक रोटियां सेंकने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। वह बेवजह से 15 करोड़ लेने वाले बयान दे रहे हैं। जबकि जो बयानबाजी कर रहे हैं, खरीद-फरोख्त की राजनीति में वो खुद विश्वास करते हैं। कहा कि जब राज्यसभा का वोट डालकर गए तो नौ को विभिन्न प्रलोभन दिए गए। लेकिन हम बिकने वालों में से नहीं हैं। हमारे क्षेत्र की जनता जानती है कि हमारा चरित्र क्या है और किस भाव से जनसेवा कर रहे हैं। लोगों को बरगलाने के लिए इस तरह की बयानबाजी शोभा नहीं देती है। अपने क्षेत्र और प्रदेश के हित के लिए विधायकी से त्याग दिया है। मुख्यमंत्री ने 14 माह तक चुने हुए विधायकों से भेदभाव किया और मित्रों को रेवड़ियां बांटीं। हम जनता के कामों को लेकर मुख्यमंत्री के पास जाते रहे लेकिन उन्होंने मिलने तक का समय नहीं दिया। सुबह से लेकर शाम तक इनके कार्यालय के बाहर इंतजार करते रहे। जब लोगों के कामों को मुख्यमंत्री दरकिनार करें और महज मित्रमंडली को ही खुश करें, तो ऐसे में वह सिर्फ सत्ता सुख के लिए ही कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को तो नैतिकता के आधार पर राज्यसभा चुनाव के बाद इस्तीफा देना चाहिए था। लेकिन इन्हें सत्ता का नशा है, जिसे वह छोड़ना नहीं चाहते हैं । जो आरोप मुख्यमंत्री लगा रहे हैं उनके विरुद्ध जल्द ही न्यायालय में जाएंगे।
झूठ बोलने का नोबेल पुरस्कार सीएम को मिले : होशियार
देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर एतराज जताया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 15-15 करोड़ रुपये में एक-एक बागी विधायक बिका है। होशियार सिंह ने कहा कि यदि किसी को झूठ बोलने का नोबेल प्राइज दिया जाए तो मुख्यमंत्री सुक्खू को दिया जाना चाहिए। उन्होंने सीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि सुक्खू महिलाओं को 15-15 सौ रुपये देने, दूध 100 रुपये लीटर, किसानों से गोबर खरीदने और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वायदा करके सत्ता में आए थे। लेकिन इनसे डेढ़ साल में एक भी गारंटी पूरी नहीं हुई। यानी सबसे बड़ा झूठ मुख्यमंत्री बोलते हैं।