छः विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनावों में चार कांग्रेस व दो भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीते।

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लोकसभा चुनाव में मतों की बढ़त न दिलाकर मुख्यमंत्री सुक्खू सहित कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा अपने दुर्ग नहीं बचा सके।

IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर बेशक कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया लेकिन पार्टी ने उपचुनाव वाली 6 विधानसभा सीटों में से 4 दोबारा जीत लीं। इसके साथ ही CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर मंडरा रहा संकट टल गया।हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 34 से बढ़कर 38 हो गई है। 68 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कुल 35 विधायक चाहिए। 3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद इस समय विधानसभा में कुल 65 विधायक हैं और इस लिहाज से कांग्रेस के पास बहुमत से 5 MLA अधिक हैं।कट्टु सत्य ये भी है कि लोकसभा चुनाव में मतों की बढ़त न दिलाकर मुख्यमंत्री सुक्खू सहित कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा अपने दुर्ग नहीं बचा सके।

निर्वाचन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि छः विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनावों में चार इण्डियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस) व दो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के प्रत्याशी चुनाव जीते। 

विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला
धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने 28066 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह जग्गी को हराया, जिन्हे 22540 मत प्राप्त हुए।
निर्दलीय प्रत्याशी राकेश चौधरी को 10770, सतीश कुमार को 422 तथा नोटा को 482 मत मिले।
लाहौल-स्पिति विधानसभा
लाहौल-स्पिति विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी अनुराधा ने 9414 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय डॉ. राम लाल मारकण्डा को हराया, जिन्हें 7454 मत प्राप्त हुए।
भाजपा के रवि ठाकुर को 3049 तथा नोटा को 76 मत मिले।
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने 29529 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के राजेन्द्र सिंह राणा को हराया, जिन्हें 27089 मत प्राप्त हुए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रविन्द्र सिंह डोगरा को 334, निर्दलीय प्रत्याशियों अनिल राणा को 134 व शेर सिंह को 71 राजेश कुमार 46, तथा नोटा को 241 मत मिले।
कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र
कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा ने 36853 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दविन्द्र कुमार भुट्टो को हराया, जिन्हें 31497 मत प्राप्त हुए।
निर्दलीय प्रत्याशी चंचल सिंह को 300 तथा राजीव शर्मा को 234 तथा नोटा को 341 मत मिले।

विधानसभा क्षेत्र गगरेट
विधानसभा क्षेत्र गगरेट से कांग्रेस के राकेश कालिया ने 35768 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के चैतन्य शर्मा को हराया, जिन्हें 27281 मत प्राप्त हुए।
 निर्दलीय अमित वशिष्ट को 570, अशोक सौंखला को 323 तथा मनोहर लाल शर्मा को 288 तथा नोटा को 606 मत मिले।
विधानसभा क्षेत्र बड़सर
विधानसभा क्षेत्र बड़सर से भाजपा के इन्द्रदत्त लखनपाल ने 33086 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सुभाष चन्द को हराया, जिन्हें 30961 मत प्राप्त हुए।
निर्दलीय प्रत्याशी विशाल कुमार को 452 तथा नोटा को 323 मत मिले।

लोकसभा चुनाव में मतों की बढ़त न दिलाकर मुख्यमंत्री सुक्खू सहित कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा अपने दुर्ग नहीं बचा सके।  इनके अलावा पांच मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, किशोरी लाल, रामकुमार, सुंदर सिंह ठाकुर और संजय अवस्थी भी लोकसभा चुनाव में अपने हलकों से कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड नहीं दिला सके। हालांकि, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मंत्री जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर और सीपीएस मोहनलाल ब्राक्टा ने ही अपने-अपने क्षेत्र से लीड दिलाकर सरकार की लाज बचाई।    मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को 2143 मतों की लीड मिली। मतगणना के 11वें राउंड में अनुराग ने यह बढ़त बनाई। 

उपमुख्यमंत्री मुकेश के गृह क्षेत्र हरोली से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा को 1535 मतों की लीड मिली। प्रदेश कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेताओं का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा। शिमला संसदीय सीट से पांच मंत्रियों में से सिर्फ एक मंत्री रोहित ठाकुर ने ही जुब्बल कोटखाई से लीड दिलाई। जुब्बल कोटखाई से कांग्रेस को 5937 और मुख्य संसदीय सचिव मोहनलाल ब्राक्टा के रोहड़ू से कांग्रेस को 9045 मतों की बढ़त मिली।

मंत्री हर्षवर्धन चौहान शिलाई से, धनीराम शांडिल सोलन से, विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से, अनिरुद्ध सिंह कसुम्पटी से लीड नहीं दिला सके। विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार के रेणुका से भाजपा को 4485, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी के अर्की से 15484, रामकुमार चौधरी के दून से भाजपा को 13082 मतों की लीड प्राप्त हुई। करीब डेढ़ वर्ष पहले भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे यह दिग्गज लोकसभा चुनाव में फेल साबित हुए।  

  ठियोग से विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर को भी लीड नसीब नहीं हुई। भटियात से भाजपा को 13166 मतों की लीड मिली। पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल मुख्य संसदीय सचिव हैं। पालमपुर में भाजपा को 8718 और बैजनाथ में 17081 मतों की बढ़त मिली। नगरोटा से रघुवीर बाली कैबिनेट रैंक वाले पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष हैं। यहां भाजपा ने 8221 वोट अधिक प्राप्त किए। 

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