मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी दल के नेता को बंधक बनाकर अपनी बात मनवाना शर्मनाक : जयराम ठाकुर

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विपक्ष डेढ़ साल से आवाज़ उठा रहा है कि मुख्यमंत्री तानाशाही कर रहे हैं

मुख्यमंत्री पर गुंडागर्दी के आरोप शर्मनाक, जब पार्टी के नेता नहीं सुरक्षित तो प्रदेश का क्या होगा हाल

जो निर्दलीय विधायकों के साथ कर रहे थे, वही अपनी पार्टी के नेताओं के साथ कर रहे हैं सुक्खू

IBEX NEWS,शिमला।

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से बयान जारी कर कांग्रेस नेता राजेश शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए गये आरोपों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एक प्रदेश के मुख्यमंत्री पर ही अपने पार्टी के नेता को अपने आधिकारिक निवास में बंधक बनाकर उसे धमकी देकर अपनी बातें मनवाने का मामला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। जिस तरह के आरोप कांग्रेस के पार्टी के नेता और पूर्व में देहरा से प्रत्याशी रहे नेता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर लगाए हैं, वैसा आज तक प्रदेश में किसी ने सुना भी नहीं होगा। जिस आवास से प्रदेश के लोगों को सुविधा और सुरक्षा की गारंटी मिलती है उसी जगह से पेशे से डॉक्टर से एक नेता को डराया धमकाया गया। यह सामान्य बात नहीं है। मुख्यमंत्री पर इस तरह की गुंडागर्दी करने के आरोप से प्रदेश की छवि भी धूमिल हुई है। देवभूमि की जो पहचान है कम से कम सरकार उसका ध्यान रखे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि यही बात विपक्ष डेढ़ सालों से कह रहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा तानाशाही की जा रही है। अपनी बात मनवाने के लिए ज़ोर-ज़बरदस्ती की जा रही है। सत्ता पक्ष के विधायकों से लेकर विपक्ष और निर्दलीय विधायकों को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश हो रही है। इसी तरह की तानाशाही से तंग आकर कांग्रेस के विधायकों ने भी बग़ावत की थी। सरकार के इसी रवैये से तंग आकर निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफ़ा दिया था। अब अपने पार्टी के वरिष्ठ नेता के साथ ही मुख्यमंत्री के बर्ताव से इस बात की पुष्टि हो गई कि मुख्यमंत्री किस तरह की तानाशाही से ज़बरदस्ती अपनी बात मनवाते हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पहले यही पार्टी छोड़ चुके विधायकों और निर्दलीय विधायकों द्वारा किया गया। उन्हें सरकार का खुला समर्थन देने के लिए बाध्य किया गया। जब समर्थन नहीं दिया तो सत्ता का दुरुपयोग कर उन्हें प्रताड़ित किया गया। उनके व्यवसाय पर हमला किया। उनके परिवार, नात-रिश्तेदार को टार्गेट किया गया। उनकी गाड़ियां सीज करवाई गई। उनके सहयोगियों पर, साथ रहने वाले लोगों पर कार्रवाई की गई। फ़र्ज़ी मुक़दमे में फ़साने की साज़िश हुई। बीजेपी के नेताओं को सर्विलांस पर रखा गया। दमन का हर वह तरीक़ा अपनाया गया जो सरकार के पास था। भाजपा सरकार के द्वारा प्रताड़ित हर व्यक्ति के साथ खड़ी है। सरकार की इस तानाशाही को सहन नहीं किया जाएगा।

 नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस समय प्रदेश में अराजकता चरम पर है। जब सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेता ही नहीं सुरक्षित हैं तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे होगी उसका आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। यह सरकार पूरी तरह नाकाम है। प्रदेश में एक पैसे के विकास का काम नहीं हो रहा है। डेढ़ साल से प्रदेश के युवा, गरीब, किसान बागवान सरकार द्वारा ठगे जा रहे हैं। इसी तानाशाही के चलते प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को पूरी तरह नकार दिया। सुक्खू अपना हलका भी नहीं बचा पाए। मुख्यमंत्री को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रदेश के लोग इस तरह की अराजकता और तानाशाही को सहन नहीं करने वाले हैं। मुख्यमंत्री को बहुत जल्द इसका जवाब मिल जाएगा।

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