डेढ़ साल से सिर्फ़ छीनने का काम कर रही है सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर।

Listen to this article


जो योजनाएं लोगों के लिए वरदान थी उन्हें बंद करना जनहित के ख़िलाफ़
हर प्रदेशवासी से उसका हक़ छीनकर क्या करना चाहती है सरकार
सुक्खू सरकार की उपलब्धि, योजनाएं बंद कर के लोगों का जीवन मुश्किल करना

IBEX NEWS,शिमला।

नेता प्रतिपक्ष जराम ठाकुर ने शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि सरकार प्रदेशवासी को मिला हर हक़ छीनना चाहती है। ज़्यादातर हक़ जो पूर्व की सरकार द्वारा दिये गये थे सब के सब छीने जा रहे हैं। सरकार का यह शर्मनाक कृत्य है। सबसे हैरानी की बात यह है कि जिन सुविधाओं को सुक्खू सरकार छीनने का काम कर रही है, विधान सभा के चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी ने उन सुविधाओं से भी ज़्यादा देने की गारण्टियां प्रदेश के लोगों को दी थी। यही नहीं लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने वैसी ही सुविधाएं देने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद हर काम उल्टे तरीक़े से हुआ। प्रदेश के जीवन को सुखद और सामान्य बनाने के लिए जो भी योजनाएं पूर्व की सरकार द्वारा चलाई गई थी। सभी की सभी योजनाओं को एक एक करके बंद किया जा रहा है। यह प्रदेश के लोगों के साथ भी धोखा है। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने पहले ही बता दिया था कि यह होने वाला है, बिजली की सब्सिडी ख़त्म करने के पहले भी प्रदेश के लोगों को बता दिया था। अब सरकार महिलाओं को बस किराए में मिलने वाली छूट पर नज़र गड़ाए हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने कहा था कि एक लाख युवाओं को हर साल रोज़गार देगी, एक लाख सरकारी नौकरियां देंगी। लेकिन दस हज़ार से ज़्यादा आउटसोर्स कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और छः महीनें का वेतन भी नहीं दिया। सरकार ने कहा था कि सभी परिवारों को 300 यूनिट फ्री बिजली देंगे, पूर्व सरकार के समय से दी जा रही 125 यूनिट फ्री बिजली देनी बंद कर दी। पूर्व सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले पानी को भी फ्री कर दिया था। सरकार ने वह फ़ैसला भी पलट दिया। यह फ़ैसला लोगों को सिर्फ़ आर्थिक रूप से ही राहत नहीं देता था बल्कि लोगों को बिल भरने के झंझट से भी बचाता था। लेकिन सुक्खू सरकार ने लोगों को फ्री पानी देना भी बंद कर दिया। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसी तरह से सुक्खू सरकार ने लोगों को हिम केयर के तहत निजी अस्पतालों में मिल रहे इलाज को भी छीन लिया। सरकार का यह फ़ैसला पूरी तरह से अमानवीय और लोगों की जान को आफ़त में डालने वाला है। पहले आपातस्थिति में जो गरीब हिमकेयर के भरोसे निजी अस्पतालों में पूरे आत्मविश्वास के साथ जाकर इलाज करवाता था, अब वह हृदयघात होने पर कहां जाएगा? क्या वह दूर के सरकारी अस्पताल को ढूंढ़ेंगा या निजी अस्पताल में इलाज करवाएगा? यदि घर से दूर स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचने के पहले उसके साथ किसी प्रकार की अनहोनी हो जाएगी तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा? वैसे तो सरकारें अपना लेखा जोखा रखते समय बताती है कि हमने कितनी नई योजनाएं चलाकर लोगों का जीवन आसान किया लेकिन सुक्खू सरकार बताएगी कि हमने कितनी योजनाएं बंद करके लोगों का जीवन मुश्किल किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार कोई फ़ैसला लेते समय मानवीय पहलुओं को अनदेखा न करे। जनविरोधी फ़ैसलों से बाज़ आए।

WhatsApp Group Join Now