शिमला के समरहिल शिव बांवड़ी हादसे की पहली बरसी, याद कर भावुक हुए परिजन, बोले- नहीं आते अब यहां, 20 लोगों की हुई थी मौत, मंत्री धनीराम शांडिल ने अर्पित की श्रद्धांजलि, पढ़ें पूरी खबर..
IBEX NEWS,शिमला।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल (डॉ) धनीराम शांडिल ने आज शिव बावड़ी, समरहिल में पिछले साल 14 अगस्त को शिव बावड़ी में प्राकृतिक आपदा से जान गंवाने वाले दिवंगत आत्माओं को स्मृति स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।उन्होंने कहा कि गत वर्ष भारी बारिश व भूस्खलन के कारण हुई प्राकृतिक आपदा से प्राचीन शिव बावड़ी मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें 20 श्रद्धालु काल का ग्रास बन गए जो सुबह पूजा अर्चना हेतु उस समय मंदिर में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष भारी आपदा से पूरे प्रदेश में लगभग 551 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी तथा लगभग 12 हजार करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान प्रदेश को हुआ था।आपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फ्रंट फूट पर कार्य करते हुए आपदा ग्रासितों को राहत प्रदान की। उन्होंने कहा कि आपदा के उपरांत प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जिसके अंतर्गत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों को 7 लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया।
डॉ शांडिल ने कहा कि आजकल भी भारी बरसात हो रही है और आपदा के मध्यनजर हर जिला एवं खंड स्तर पर प्रशासन ने पूरी तैयारियां की हैं ताकि आपदा से किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान न हो। स्वास्थ्य मंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत पौधा भी रोपित किया।
इस अवसर पर विधायक हरीश जनार्था, महापौर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान, पार्षदगण, जान गंवाने वाले लोगों के परिजन, स्थानीय लोग तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।बावड़ी हादसे को याद कर परिजन भावुक हो गए। श्रद्धांजलि अर्पित करते वक्त परिजनों के आँसू छलक गए।
शिमला के समरहिल शिव बावड़ी हादसे में जान गवाने वाले युवक की मां ने कहा कि घटना के बाद वो पहली बार यहां आई है। उन्होंने यहां आना छोड़ दिया है। बेटे की आत्मा को शांति मिले। इसके लिए उनकी याद में एक पौधा लगाया है।
समर हिल वार्ड से स्थानीय पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 14 अगस्त 2023 दिन समरहिल वासियों के लिए एक बहुत बुरा दिन था। 20 लोगों ने एक साथ जान गंवाई थी। उन्होंने कहा कि पहले लोग यहां मंदिर वाले रास्ते से आते जाते थे। लेकिन लोगों ने अब रास्ता बदल दिया है। यहां आना जाना छोड़ दिया है। वहीं सड़क को लेकर उन्होंने कहा कि नगर निगम के अंतर्गत आने वाली सड़क का कार्य पूरा कर लिया है।