IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल वापस ले ली हैं। बुधवार से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी), अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान (चमियाना) और कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) में रूटीन की ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर सामान्य रुप से पहले की तरह चलेंगे। शिमला समेत प्रदेश भर से अस्पताल आने वाले मरीजों को इलाज के लिए किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।कोलकता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और निर्मम हत्या के बाद से डॉक्टर आक्रोशित थे। लिहाजा पिछले आठ दिनों से शहर के तीनों प्रमुख अस्पतालों में 100 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे। रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग थी कि कोलकता में हुए इस भयावह घटना में संलिप्त आरोपियों कड़ी सजा दी जाए। वहीं डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जो एक्ट बने हैं, उन्हें लागू किया जाए। लिहाजा मंगलवार सुबह 10:15 बजे रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने IGMC गेट से लेकर सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला।
यह मार्च रीगल, ओकओवर होते हुए सुबह 11:00 बजे छोटा शिमला पहुंचा।वहीं दोपहर 12:00 बजे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आरडीए, स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सेमडिकोट) के साथ बैठक की।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी, सीपीएस संजय अवस्थी शामिल रहे। सचिवालय में डेढ़ घंटे तक चली बैठक में एसोसिएशन ने डॉक्टरों के साथ इस तरह की घटनाओं को रोकने व सुरक्षा व्यवस्था मुद्दे, ड्यूटी रूम, सीसीटीवी कैमरे और मेडिपर्सन एक्ट को लागू करने की मांग उठाई। बताया जा रहा है कि बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मेडिपर्सन एक्ट को स्टडी करने की बात कही। इसके अलावा प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था और अन्य सुविधाएं जल्द उपलब्ध करवाने को कहा। वहीं बैठक में पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था बनाने के बारे में अहम निर्देश जारी किए। बैठक में आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव, डॉ. बलवीर वर्मा, डॉ. सुदर्शन, आरडीए अध्यक्ष हरि मोहन शर्मा समेत सीएससीए के अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।आरडीए डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन कोलकता में जो घटना हुई है, उसका विरोध आरडीए करती रहेगी। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के बाद विरोध स्वरूप कैंडल मार्च निकालते रहेंगे