Himachal News: मंत्रियों, विधायकों और अफसरों पर फिजलूखर्ची का आरोप, सचिवालय कर्मियों ने बोला हल्ला।महासंघ ने एलान किया है कि अभी ये ट्रेलर है। पिक्चर 10 तारीख के बाद शुरू होगी।

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राज्य में डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर न मिलने से कर्मचारियों में रोष है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में ठीकठाक हल्ला बोला। 


IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ता और एरियर न देने से नाराज राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने बुधवार को सरकार के खिलाफ आर्म्सडेल भवन के परिसर में मोर्चा खोला। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने मंत्रियों और अफसरों को निशाने पर लिया। इन पर फिजूलखर्ची के आरोप लगाए। प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि CM कहते हैं कि उनके पास पैसे नहीं हैं। मंत्रियों, विधायकों और अफसरों की फिजूलखर्ची पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। संजीव शर्मा ने कहा कि अभी ये ट्रेलर है। पिक्चर 10 तारीख के बाद शुरू होगी।

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हिमाचल प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर महंगाई भत्ते (DA) व एरियर की घोषणा न होने पर कर्मचारियों में रोष पनप रहा है। सचिवालय कर्मचारियों ने लंच के समय सचिवालय परिसर में विशाल प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए।इस दौरान कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार और अफसरशाही पर तीखे हमले किए। कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार पर करोड़ों रुपए फिजूलखर्ची करने और कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का आरोप लगाया है। कर्मचारी नेताओं ने यहां तक कह डाला कि अफसरों को महंगी लग्जरी गाड़ियों पर करोड़ों की फिजूलखर्ची की जा रही है।अफसरों को कई कई गाड़ियां दी गई, एक गाड़ी बेटे को लेने एडवर्ड स्कूल जाती है तो दूसरी गाड़ी बेटी को लेने चैल्सी स्कूल, तीसरी गाड़ी बीवी को लेने तथा चौथी गाड़ी सब्जी लेने मंडी जाती है। कर्मचारियों के अनुसार, घाटे की सबसे बड़ी यही वजह है। इस वजह से कर्मचारियों के वित्तीय लाभ रोकना सही नहीं है।

कर्मचारियों के अनुसार, घाटे की सबसे बड़ी यही वजह है। इस वजह से कर्मचारियों के वित्तीय लाभ रोकना सही नहीं है।इसमें 10 सितंबर तक आंदोलन को स्थगित किया जाएगा, क्योंकि 27 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र है। मानसून सत्र खत्म होते ही बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि यदि सरकार DA व एरियर का भुगतान नहीं करती तो प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।

संजीव शर्मा ने कहा, कुछ दिन पहले बनी बिल्डिंग में 2 मंत्री बैठ रहे हैं। इन्होंने लगभग 1 करोड़ रुपए नई बनी बिल्डिंग की रैनोवेशन में लगा दिए। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के लिए भी कार्यालय बनाया जा रहा है। इस पर 19.72 करोड़ रुपए खर्च को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दे दी गई है। इसी तरह स्पीकर दफ्तर पर लगभग 2 करोड़ खर्च कर दिए गए है। इसके लिए सरकार के पास पैसा है। कर्मचारियों को डीए-एरियर नहीं दिया जा रहा है।

ता दें कि पूर्व जय राम सरकार ने 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। इस वक्त कर्मचारियों के लगभग 10 हजार करोड़ रुपए सरकार के पास बकाया है। कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे।मगर सीएम सुक्खू ने केवल 75 साल से अधिक आयु वर्ग के पेंशनर का ही एकमुश्त एरियर देने का ऐलान किया है। इससे दूसरे कर्मचारी भड़क उठे हैं। मगर कांग्रेस सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए एरियर व डीए के भुगतान को टाल रही है।

फर्नीचर भी महाराष्ट्र से आ रहा है।

संजीव शर्मा ने कहा कि जब मैंने अपने कर्मचारियों के लिए लाठियां खा ली थीं, उस समय सचिवालय में करोड़ों रुपये से जीर्णोद्वार करवा रहे दो मंत्री स्कूल और कॉलेज में थे। मेरे पास आते तो इनको बताते कि वहां राजनीति सीखो, वे तो एशो-आराम में लग गए। इससे लगता है कि मंत्री यहां तीस साल के लिए रहने वाले हैं। बंगलों में करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। विधायक भी पीछे क्यों रहें। अब मेट्रोपोल को उखाड़कर भवन बनाया जा रहा है। वहां 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है। 50-50 लाख रुपये की रिनोवेशन की जा रही है। यह मत कहो कि उनके पास पैसे नहीं हैं। कमरों में 18-18 हजार रुपये की लाइटें लग रही हैं। फर्नीचर भी महाराष्ट्र से आ रहा है।

किसी चीज का सत्कार भत्ता ले रहे अफसर, चाय पीने को बैठाते नहीं : संजीव
संजीव शर्मा ने कहा कि अधिकारी पहले तो बैठने को नहीं बोलेंगे। बैठने को बोला तो चाय तो पिलाते ही नहीं। चार-पांच हजार रुपये सत्कार भत्ता मिलता है। गलती से चाय पिला भी देते हैं तो कैंटीन की मुफ्त की चाय पिलाते हैं। उन्होंने कहा कि साल में एक करोड़ रुपये की मुफ्त की चाय पिलाते हैं।

‘होम ए ब्रांच में वेटिलेशन नहीं है और वहां चूहा मरा हुआ’
संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के बैठने के लिए कमरे नहीं हैं। मंत्रियों को बैठने के लिए कमरे दिए जा रहे हैं। होम ए ब्रांच में वेटिलेशन नहीं है और वहां चूहा मरा हुआ है। बैठना मुश्किल हो गया है। दो दिन से कमरों में नहीं जा रहे हैं। निगमों-बोर्डों के अध्यक्षों को सचिवालय में बैठाया गया है।

यही हाल रहा तो सितंबर के बाद हिमाचल बांग्लादेश बन जाएगा : टेक राम
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रधान टेक राम ने कहा कि अफसर तीन लाख रुपये की गाड़ी से 52 लाख रुपये की गाड़ी तक पहुंच गए हैं। यही हाल रहा तो सितंबर के बाद हिमाचल बांग्लादेश बन जाएगा। अधिकारियों की गाड़ियों में पेट्रोल पंप पर जाते-जाते थक गए हैं। कहते हैं कि मीटिंग है। बैठक किस चीज की, बच्चों को लाने गाड़ियां जा रही हैं।

‘घर नहीं आया तो छोटा शिमला थाने की कोठरी नंबर दो में होउंगा’
संजीव शर्मा ने कहा कि सिर पर कफन बांधकर आया हूं। बीवी को यह भी बोला है कि वह ज्यादा चिंता न करे। पुलिसवाले उन्हें मारेंगे नहीं, क्योंकि वह उनकी भी लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी दिन घर नहीं आया तो छोटा शिमला थाने की कोठरी नंबर-दो में होउंगा।

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