हङरङ स्मरणोत्स दिवस समापन समारोह:जिला के हर गांव व कण्डों को सम्पर्क सड़कों से जोड़ कर ही दम लूँगा, सरकार की पहली प्राथमिकता- जगत सिंह नेगी।

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पूह में 1 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से बनने वाली यंगति कण्डा संपर्क सड़क का शिलान्यास किया।
जिला किन्नौर अपनी समृद्ध संस्कृति, वेशभूषा, खान-पान व पहनावे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। 
IBEX NEW,शिमला।


राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी आज किन्नौर जिला के पूह में 1 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से बनने वाली 8 किलोमीटर यंगति कण्डा संपर्क सड़क का शिलान्यास किया तथा ग्राम पंचायत डुब लिंग में लगभग 1 करोड 19 लाख रुपये की लागत से बनने वाले काली सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया व 64 लाख 25 हजार रुपये खर्च कर मालिंग गांव के लिए पक्के सम्पर्क सड़क का लोकार्पण किया तथा 88 लाख रुपये की लागत से बने सामुदायिक भवन बौद्व डुक पदकर छोईलिंग नाको का उद्घाटन किया। 
इसके उपरान्त राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने हङरङ स्मरणोत्स दिवस समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की तथा हंगरंग रिंचेन बौद्ध सांस्कृतिक धरोहर संस्था के अध्यक्ष परम् श्रद्धेय लोचन टुल्कु रिम्पोछे, ने मंत्री का स्वागत किया और बौद्व संस्था की गतिविधियों से अवगत करवाया।  


राजस्व मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जिला के हर गांव व कण्डों के सम्पर्क सड़क से जोड़ना सरकार की पहली प्राथमिकता रही है ताकि जिला के बागवानों एवं किसानों को अपने सेब, मटर व अन्य फसलों को आसानी से मंडियों तक पहुंचाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ कर सकें।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार जिला के समवर्ती क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्व है तथा विकास कार्यो में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।


बागवानी मंत्री ने लोगों से आग्रह किया की वे अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ किन्नौर बोली में बात करे व रीति-रिवाज से भी जोड़े रखे ताकि हमारी समृद्ध संस्कृति को लुप्त होने से बचाया जा सकें। 
राजस्व मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार जन-जातीय क्षेत्रों में भूमिहीन एवं उपेक्षित वर्गो को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है ताकि निर्धन एवं उपेक्षित वर्गो के लोगों को लाभ मिल सके। 
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कैबिनेट मंत्री ने बताय कि जनजातीय जिला किन्नौर की समृद्ध    संस्कृति, रीती-रिवाज, खान-पान व पहरावे के संरक्षण एवं संवर्धन का प्रतीक है। हिमाचल प्रदेश में मेलों का सांस्कृतिक महत्व है और विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने में पारम्परिक मेले अत्यंत महत्व रखते हैं।


बगवानी मंत्री ने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर है। जिला किन्नौर अपनी समृद्ध संस्कृति, वेश-भूषा, खान-पान व पहरावे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।


इस अवसर पर इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह विनय मोदी, परम् श्रद्धेय सोमंग टुलकू रिम्पोछे, किनफैड के अध्यक्ष चंद्र गोपाल नेगी, ग्राम पंचायत प्रधान नाको आशा देवी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष उमेश नेगी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पूह के अध्यक्ष प्रेम नेगी, हिषे नेगी सहित कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी सहित अधिकारी कर्मचारी व समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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