IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में कानून व्यवस्था को लेकर माहौल गर्म हो सकता है।। BJP विधायक त्रिलोक जम्वाल, बलवीर वर्मा, सुखराम चौधरी और राकेश जम्वाल ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा मांग रखी है। विपक्ष ने बीते कल मंगलवार को सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया था। चर्चा नहीं मिलने पर विपक्ष ने वाक-ऑउट किया था।दीगर हो कि हिमाचल प्रदेश में बीते साल आपदा और इस वर्ष बरसात के दौरान हुए नुकसान व राहत राशि के आवंटन को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में नोकझोंक हुई। नियम-130 के तहत जयराम ठाकुर ने सरकार पर आपदा राहत में बंदरबांट और प्रभावितों को राहत राशि न मिलने का आरोप लगाया। इस पर सुक्खू ने कहा कि बीते वर्ष आपदा से जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए, उन्हें राहत राशि दी गई है। लोगों ने अपने मकान बना लिए हैं। जिनको किस्त नहीं मिली है, वह एसडीएम के पास जाकर आवेदन करें। उन्हें अंतिम किस्त जारी कर दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष की आपदा के प्रभावितों के लिए घोषित विशेष पैकेज के तहत राज्य और एनडीआरएफ राहत से 847 करोड़, वित्त विभाग के तहत 1875 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग से 1085 करोड़ और मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत 150 करोड़ जारी हुए। प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि राहत राशि वितरण में बंदरबांट हुई है। आपदा के दौरान सरकार ने जो वायदे बेघर लोगों के लिए किए, वह भी पूरे नहीं किए गए हैं। सरकार ने ध्वस्त हुए घरों को 7 लाख रुपये देने की बात की, लेकिन इस वर्ष प्रभावितों को डेढ़ लाख रुपये देने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने के वायदे से कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई। लेकिन भाजपा ने सत्ता में रहते हुए जो 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी थी, उसे भी इसने बंद कर दिया। कहा कि मंडी में 12 पुल क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन कोई नया पुल नहीं बनाया।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि बीते साल आपदा के चलते लकड़ी के हजारों स्लीपर पानी के बहाव के साथ आए। पर यह कटान किसने किया। इसका आज तक पता नहीं चला है। प्रदेश सरकार ने कर्जे में डूबने के बाद भी प्रभावितों को राहत दी। भाजपा के बड़े नेता मंडी में आकर कह गए कि केंद्र से जारी राशि की जांच होगी। जब केंद्र ने पैसा दिया ही नहीं तो जांच किस बात करवाना चाह रहे हैं।
आपदा को लेकर ठोस नीति बनाने की जरूरत : अनुराधा
विधानसभा सदन में पहली बार जीतकर आईं लाहौल स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है। नदियों का तटीकरण जरूरी है। भवनों को पुरानी शैली में बनाने की आवश्यकता है। पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ आपदा को बुला रही है। सीमेंट कारखाने लगने से जंगल कंक्रीट के बनते जा रहे हैं।
भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से उनके क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। प्रभावितों को मुआवजा राशि नहीं मिली है। पुल न लगने से अभी भी उनके क्षेत्र के लोग जन जोखिम में डालकर नदी-नालों को पार कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक किशोरी लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को राहत राशि दी है। भाजपा विधायकों का यह कहना गलत है कि प्रभावितों को राहत नहीं दी गई। सुलह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि बीते वर्ष की आपदा प्रभावितों को किराया तक नहीं मिल रहा है। गलत खनन नीति के कारण ही आपदा आ रही है। भाजपा विधायक पूर्ण चंद ने कहा कि आपदा राशि को लेकर उनके विधानसभा क्षेत्र के साथ पक्षपात किया गया है। 14 दिन तक मौके पर न तो मुख्यमंत्री पहुंचे और न ही मंत्री ही पहुंचे। उन्होंने दूसरे दिन प्रभावितों से मुलाकात कर राहत पहुंचाई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मौके पर आकर प्रभावित परिवारों से मिले।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। कहा कि विपक्ष सार्थक चर्चा में भाग लें, वाकआउट करके अखबारों की सुर्खियां बटोरने का काम ना करें। विधायक दल की बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति तय की गई है। विधायकों की कुछ मांगें थीं, उन पर भी चर्चा हुई है। मानसून सत्र के पहले दिन की बैठक शुरू होने से पहले सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खू नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की सीट के पास गए और हाथ मिलाकर मुस्कराते हुए उनका अभिवादन किया। वह विपक्ष के अन्य सदस्यों के पास जाकर भी उनसे मिले। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी सीएम सूक्खू के साथ विपक्ष के सदस्यों का अभिवादन करने गए।
विधानसभा अध्यक्ष ने की सहयोग की अपील शिमला। राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के संचालन में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि सभी सदस्य सदन की कार्यवाही के संचालन में रचनात्मक सहयोग देंगे।
राष्ट्रगान से शुरुआत, सीएम ने शोकोद्गार प्रस्ताव रखा शिमला। विधानसभा में पहले दिन की बैठक की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। इसके बाद पूर्व विधायक टेक चंद डोगरा, नारायण सिंह स्वामी और दौलतराम चौधरी के निधन पर शोकोद्गार हुआ। मुख्यमंत्री ने शोकोद्गार प्रस्ताव रखा। उन्होंने तीनों के योगदान को याद करते हुए वक्तव्य दिया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी शोकोद्गार वक्तव्य दिया। जयराम के बाद मंत्री राजेश धर्माणी ने शोकोद्गार वक्तव्य दिया। इसके बाद नाचन के विधायक विनोद कुमार, श्रीनयना देवी के विधायक रणधीर शर्मा और अन्य ने भी शोकोद्गार प्रस्ताव पढ़ा।