हिमाचल में DA और एरियर के भुगतान की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों के 10 कर्मचारी नेताओं को सुक्खू सरकार ने कारण बताओ नोटिस थमाया।

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों और सरकार के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। अब सरकार पर कर्मचारी नेताओं पर काफी नाराज दिख रही है। प्रदेश सरकार ने दस कर्मचारी नेताओं को नोटिस जारी कर दिए हैं और जवाब मांगा है। जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय कर्मचारी नेताओं को दिया गया है। राज्य सरकार के इस रैवये से कर्मचारियों में काफी तनाव बढ़ गया है। प्रदेश के देहरा में आयोजित किए राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डीए और और छठे वेतन आयोग का संशोधित एरियर का भुगतान की कोई घोषणा नहीं की।
परिणामस्वरूप कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं और ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के तहत पांच कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सचिवालय प्रांगण में जनरल हाउस किया। डीए और एरियर का भुगतान की मांग को लेकर सरकार के ख़िलाफ़ आग उगली।इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार को वार्ता के लिए एक दिन का भी अल्टीमेटम दिया था,
लेकिन कर्मचारियों को वार्ता के लिए न बुलाकर सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री ने कर्मचारियों के खिलाफ बयान जारी कर आग में घी डालने का काम कर दिया।
जिसके बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के कर्मचारी नेता और भड़क गए और 23 अगस्त को फिर से बुलाए गए जनरल हाउस कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर जमकर अपना गुबार निकाला।

डीए और एरियर की मांग को लेकर 21 और 23 अगस्त को राज्य सचिवालय के बाहर हुए कर्मचारियों के प्रदर्शन को लेकर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। इस दौरान सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वाले कर्मचारी यूनियन के नेताओं को सरकार ने नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है।

ऐसे में सरकार ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के तहत पांच कर्मचारी संगठनों के 10 कर्मचारी नेताओं को भड़काऊ भाषण देने पर कारण नोटिस जारी किया है.इसमें पांचों कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष और महासचिव शामिल हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा नोटिस में सरकार ने कर्मचारी नेताओं से जवाब मांगा है कि कर्मचारी नेताओं ने सचिवालय ने राज्य सरकार के कामकाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल किया और अपने भाषण में भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया और कर्मचारियों को उकसाया कि सचिवालय और अन्य विभाग के कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ जाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने कुछ नीतिगत निर्णयों की आलोचना की और राज्य सरकार के कामकाज पर टिप्पणियां की जो सीसीएस (आचरण) नियमों का उल्लंघन हैं। सार्वजनिक रूप से दिए गए उनके बयान सीसीएस (आचरण) नियमों का स्पष्ट उल्लंघन हैं। सरकार ने नोटिस में कर्मचारी नेताओं को स्पष्ट रूप में लिखा है कि कर्मचारी नेता बताए सरकार उनके खिलाफ सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के तहत विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं शुरू करें।

प्रदेश के कर्मचारी सरकार से लंबित डीए और देय एरियर की मांग कर रहे हैं। सरकार के पास कर्मचारियों की डीए एरियर की तीन किस्तें लंबित हैं और स्वतंत्रता दिवस पर डीए एरियर की घोषणा ना होने पर चौथी किश्त लंबित हो चुकी है। नतीजन प्रदेश कर्मचारी भड़क गए हैं। इस मांग को लेकर सचिवालय में मोर्चा खोला और सरकार के खिलाफ जनरल हाउस आयोजित करके अपना आक्रोश व्यक्त किया। अब इसके बाद पूरे प्रदेश के कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं, लेकिन सरकार अब सख्त हो रही है और कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। 

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