IBEX NEWS,शिमला।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने ‘अपना विद्यालय – द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन प्रोग्रोम’ के तहत गोद लिए हुए राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मशोबरा में शुक्रवार को बच्चों को शब्दकोश वितरित करवाए । खंड विकास अधिकारी अंकित कोटिया ने आज मशोबरा स्कूल में जाकर सभी छात्रों को शब्दकोश वितरित किए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों और समाज के बीच बेहतर समन्वय सहित सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में ‘अपना विद्यालय – द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन प्रोग्रोम’ चलाया गया है, जिसमें जिला के अधिकारियों ने एक-एक स्कूल को गोद लिया है।
मशोबरा स्कूल के 273 बच्चों को ये शब्दकोश दिया गया है। इसके अलावा 7 शब्दकोश स्कूल की लाइब्रेरी में रखने के लिए दिए गए है। इन सभी शब्दकोश का खर्च उपायुक्त ने अपने वेतन से किया है। ऑक्सफोर्ड इंग्लिश हिंदी के 280 शब्दकोश उपायुक्त ने 70 हजार रुपये में खरीद कर स्कूली बच्चों में वितरित करवाए है।
अपना विद्यालय – द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम के तहत गोद लिए मशोबरा स्कूल में उपायुक्त ने 24 सितंबर को दौरा किया था। इस दौरान उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बच्चों से वादा किया था कि हर बच्चे को शब्दकोश गिफ्ट करेंगे ताकि वह अपने दैनिक जीवन में हर दिन नए शब्द सीख सके। उपायुक्त ने बच्चों से कहा था कि मोबाईल पर बच्चों की निर्भरता बढ़ती जा रही है जबकि किताबे पढ़ने की आदत हमेशा लाभकारी रहती है। किताबों की तरफ ही बच्चों को अधिक ध्यान देना चाहिए।
उपायुक्त ने स्कूली स्टाफ को निर्देश दिए है कि शब्दकोश से रोजाना बच्चों को नए शब्द याद करने के लिए दिए जाए। फिर बच्चों में शब्दकोश के शब्दों को लेकर प्रतियोगिताएं भी करवाई जाए ताकि बच्चों में शब्दकोश को एक विषय के तौर पर पढ़ने की आदत पड़ जाए। भाषा की मजबूती का आधार शब्दकोश से होता है।
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उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू बेहसहारा बच्चों को चिल्ड्रन आफ द स्टेट का दर्जा देकर उनके विकास में अहम भूमिका निभा रहे है। इसी तरह उन्होंने स्कूली बच्चों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए “अपना विद्यालय – द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन प्रोग्रोम“ आरंभ किया हुआ है। जिला भर में अधिकारी स्कूलों में जाकर सामुदायिक भागीदारी निभा रहें। उपायुक्त ने मशोबरा स्कूल को गोद लिया है। वहां के बच्चों से शब्दकोश देने का वादा किया था। शिक्षकों को निर्देश दिए गए है कि शब्दकोश पढ़ने की आदत को बच्चों में बढ़ाया जाए। बच्चों में शब्दों को लेकर प्रतियोगिता करवाई जाए ताकि भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ बन सके।
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