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हिमाचल के ठियोग में पेयजल घोटाले में विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने आज ठियोग पहुंचकर फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। SIU प्रमुख ASP नरवीर राठौर की अगुआई में ठियोग पहुंची टीम ने पानी ढुलाई में इस्तेमाल सभी टैंकर व पिकअप के मालिक और ड्राइवरों से पूछताछ की।


IBEX NEWS,शिमला ।

हिमाचल प्रदेश के शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के गड़बड़झाला में विजिलेंस की जांच ने गति पकड़ ली है ।गुरुवार को घोटाले की जांच के लिए एएसपी नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में गठित टीम ठियोग पहुंची और निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और चालकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया । टीम ने जल शक्ति विभाग कार्यालय ठियोग पहुंचकर टैंकरों की सप्लाई करने वाले ब्लैक लिस्ट ठेकदारों से पूछताछ की। कई विभागीय कर्मचारियों से भी पूछताछ की।टीम ने टैंकर चालकों से वाहनों के कागजात  भी जांचे। वाहनों की लॉग बुक की जांच भी की।  विजिलेंस की टीम ने लेलुपूल स्थित पंप हाउस का दौरा किया। इस दौरान टीम उस स्थान को देखने भी गई जहां से टैंकों में भरने का काम किया जाता है। इस दौरान उन्होंने विभागीय कर्मचारियों के ब्यान दर्ज किए। इसके अलावा टीम ने कर्मचारियों से कई अन्य दस्तावेज भी मांगे। टीम ने पंप हाउस पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने पर भी सवाल भी किए लेकिन पंप हाउस में किसी प्रकार के कैमरे नहीं लगाए गए हैं। पंप हाउस में पूछताछ के बाद टीम वापस लौट आई। यह अंदेशा जताया जा रहा है कि टीम सैंज बाजार और उसके आसपास के होटल में लगे सीसीटीवी की फुटेज को भी खंगालने का काम कर सकती है।

ये है मामला :आरोप यह भी है कि पेयजल आपूर्ति करने वाले टैंकरों के जो नंबर दिए गए। वह मोटरसाइकिल और कारों के हैं।



ठियोग उपमंडल में पिछले वर्ष फरवरी से जून के दौरान सूखे के चलते पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने का काम ठेके पर दिया गया। आरोप है कि कई जगह पानी की आपूर्ति ही नहीं हुई और भुगतान कर दिया। आरोप यह भी है कि पेयजल आपूर्ति करने वाले टैंकरों के जो नंबर दिए गए। वह मोटरसाइकिल और कारों के हैं।इस दौरान सभी वाहनों की जांच की गई, यह देखा गया कि किस वाहन की पानी ढुलाई की कितनी क्षमता है। ड्राइवर से पूछा गया कि किस दिन कितने चक्कर पानी के लगाए और किस-किस गांव में सप्लाई की गई। SIU टीम ने उन वाहनों के नंबर का सत्यापन भी किया, जिससे पानी की ढुलाई की गई।

घोटाले में जल शक्ति विभाग के 10 अफसर किए हैं निलंबितएंट्री के समय कार्यालय के बाबू ने गलती से टैंकर की जगह मोटरसाइकिल और कारों के नंबर लिख दिए। अफसर अपनी डायरी लेकर पहुंचे थे।


फिलहाल अब तक मामले में विजिलेंस ने सहायक अभियंता और जूनियर इंजीनियर के बयान कलम बद्ध किए । मामले में लगातार शिकंजा कसने पर अफसरों के सुर ढीले पड़ते दिखे अधिकतर का कहना रहा है कि एंट्री के समय कार्यालय के बाबू ने गलती से टैंकर की जगह मोटरसाइकिल और कारों के नंबर लिख दिए। अफसर अपनी डायरी लेकर पहुंचे थे तर्क अपने बयान में दिया है कि पानी की नियमित सप्लाई हुई है। एंट्री गलत हुई है।


पहले विजिलेंस टीम ने एक-एक करके इंजीनियरों से बात की, उसके बाद सबको एक साथ बुलाया। यह पूछताछ विजिलेंस कार्यालय के हाल में की गई। विजिलेंस जांच टीम ने बुधवार को जल शक्ति विभाग और एसडीएम कार्यालय से जुटाए गए रिकॉर्ड का अकाउंट डाटा भी वेरिफाई किया है। ठेकेदार और इंजीनियरों के खातों की भी पड़ताल की गई। इस दौरान जल शक्ति विभाग के फील्ड स्टाफ से भी पूछताछ की गई। खासकर जिन कर्मियों ने मई व जून माह में पेयजल सप्लाई के दौरान फील्ड में रिकॉर्ड मेंटेन किया था। उस कब्जे को भी विजिलेंस टीम ने कब्जे में लिया है। विजिलेंस की कार्रवाई से जल शक्ति विभाग कर्मियों में हड़कंप मच गया है।

घोटाले की तह तक जाने के लिए विजिलेंस ने मामले से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। हर पहलू की गंभीरता से पड़ताल कर रही है। इस मामले में किन-किन की संलिप्तता रही है, उससे संबंधित पूरे साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गड़बड़झाले सामने आने के बाद जल शक्ति विभाग के 10 अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें 2 अधिशासी, 3 सहायक, 4 कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल है। इनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है। सरकार ने मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच विजिलेंस को सौंपी है।

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