किन्नौर में सौ दिन के टीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उमड़ी भीड़ ,जाँची नब्ज

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IBEX NEWS,शिमला

हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में 100 दिन के टीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 160 लोगो की नब्ज टटोली गई । इस अभियान के अधीन 115 लोगों का एक्स रे किया गया और जिन मामलों के एक्स रे में कुछ न कुछ समस्या या सजेस्टिव पाया गया उनकी आगामी जाँच के लिए CBNAAT  टेस्ट के लिए भेजा गया । शुक्रवार को अभियान के तहत 22 अन्य मामलो की भी जाँचा गया

गौरतलब हो कि सौ दिनों का यह अभियान समुदाय में टीबी के छूटे हुए मामलों को यथाशीघ्र खोजने का एक मिशन है, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके और गांव तथा समुदाय यथाशीघ्र टीबी मुक्त हो सकें।
यह उन कमज़ोर व्यक्तियों (अल्पपोषित, एचआईवी से पीड़ित लोग, सक्रिय टीबी से पीड़ित लोगों के नज़दीकी संपर्क, मधुमेह से पीड़ित लोग, धूम्रपान करने वाले, शराब पीने वाले) तक पहुँचने की दिशा में एक प्रयास है, जो इन स्थितियों/परिस्थितियों के कारण सक्रिय टीबी रोग से पीड़ित हो सकते हैं और बाद में स्वास्थ्य प्रणाली के सामने आ सकते हैं। उस समय तक, वे अनजाने में बीमारी फैलाते रहते हैं और साथ ही खुद के भीतर बीमारी के बढ़ने का सामना करते हैं।
यह मिशन उपचार की शीघ्र शुरुआत और जोखिम कारकों (मधुमेह, कुपोषण, आदि) के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि टीबी से होने वाली मौतों को रोका जा सके।
अभियान में सभी पात्र घरेलू संपर्कों और कमजोर आबादी को टीबी निवारक उपचार (टीपीटी) का प्रावधान सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ।

क्या है सीबी नॉट

सीबीनॉट मशीन डीएनए की खोज करने वाली अत्याधुनिक मशीन है। यह जीन एक्सपर्ट विधि से मरीज से प्राप्त नमूने (कफ या अन्य द्रव्य) में जीन्स को खोजकर टीबी की जाच करती है। इस टेस्ट से मरीज के शरीर की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) का आकलन किया जाता है। इसके अलावा इस मशीन से मरीज का टीबी रोधी दवाओं के प्रति सेंसेटीविटी टेस्ट भी किया जाता है। अर्थात मरीज पर टीबी रोधक दवाएं काम भी कर रही हैं या नहीं, इसका पता लगाती है। यदि मरीज पर टीबी रोधक दवाएं काम करना बंद कर दें तो उसे मल्टी ड्रग्स रजिस्टेंट टीबी के नाम से जाना जाता है। यह अपेक्षाकृत ज्यादा गंभीर बीमारी है।

इस अभियान की खासियतें:

  • इस अभियान में, टीबी के मामलों का पता लगाने के लिए मोबाइल, अल्ट्रा-पोर्टेबल, और एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता)-सक्षम एक्स-रे इकाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. 
  • इस अभियान में, आणविक परीक्षणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. 
  • इस अभियान में, टीबी के संदिग्धों की जांच कराई जाती है. 
  • इस अभियान में, टीबी के रोगियों को समुचित इलाज दिया जाता है. 
  • इस अभियान में, टीबी के रोगियों को पोषण से जुड़ी ज़रूरी चीज़ें दी जाती हैं. 
  • इस अभियान में, रोगी के संपर्क में आने वाले लोगों को निवारक उपचार दिया जाता है. 

इस अभियान के ज़रिए, टीबी से होने वाली मौतों में कमी लाने की कोशिश की जा रही है

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