मृतक की बेटी द्वारा वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है ।सांसद सुरेश कश्यप ने आईजीएमसी मौत मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल के प्रीमियम हेल्थ इंस्टीट्यूट IGMC शिमला में एक कैंसर मरीज को समय पर इंजेक्शन नहीं मिलने से मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। मृतक की बेटी द्वारा वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है ।
बिलासपुर निवासी देवराज की बेटी जाह्नवी शर्मा ने वायरल वीडियो में कहा कि उनके पिता को डॉक्टरों ने 13 नवंबर को अस्पताल बुलाया था। उनके पिता की कीमोथैरेपी होनी थी। मगर उन्हें बोला गया कि हिमकेयर की पेमेंट नहीं होने की वजह से इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। 2 दिन बाद आना, यह बोलकर 20 दिन निकल गए। तब उन्हें बोला गया कि इमरजेंसी है तो खुद इंजेक्शन खरीद ले।इसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से पैसा जुटाने में वक्त लग गया। जब तक वह पैसा जुटा पाते, तब तक उनके पिता की मौत (3 दिसंबर) हो गई थी। जाह्नवी में कहा, इंजेक्शन नहीं मिलने से उनके पिता को दिक्कत आई है और मौत हो गई। उन्होंने इसके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।जाह्नवी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर दी है। हिमकेयर कार्ड बना हुआ था। इससे उनका इलाज चल रहा था। उनके हिमकेयर कार्ड में बैलेंस भी था। फिर भी इंजेक्शन नहीं दिया गया। जाह्नवी कहती हैं कि डॉक्टर ने अच्छे से उपचार किया है और पूरा सहयोग किया है।जाह्नवी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर दी है। वह आगे कहती हैं कि उनके घर पर कमाने वाले इकलौते पिता ही थे। उनका भाई और वह खुद पढ़ाई कर रही हैं। जाह्नवी कहती हैं कि डॉक्टर ने अच्छे से उपचार किया है और पूरा सहयोग किया है।
जयराम ठाकुर ने शनिवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दो साल में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई है। उन्होंने कैंसर मरीज की मौत को हत्या बताते हुए इसकी जांच की मांग की है। हिमकेयर में इलाज की लिमिट होने के बावजूद एक महीने तक कैंसर मरीज को इंजेक्शन नहीं दिया गया। दूसरी लाइफ सेविंग ड्रग्स भी अस्पतालों में नहीं मिल रही है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार को हिमाचल की जनता बारे कोई चिंता नहीं है, उनकी तरफ से जनता की जान की कोई कीमत नहीं है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के एक कैंसर रोगी की मौत के बाद मामला सीएम हेल्पलाइन में पहुंच गया है। जिससे हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई। सीएम हेल्पलाइन को दी शिकायत में परिजनों ने इंजेक्शन न मिलने से रोगी की मौत होने का आरोप लगाया है। यह प्रदेश सरकार के लिए शर्म की बात है, पूर्व भाजपा सरकार ने अनेकों ऐसी योजनाओं की शुरुआत की थी जिसे जनता को बहुत फायदा हुआ था। जेब में एक रु भी ना हो तब भी व्यक्ति अपना इलाज करवा सकता था पर, शायद इस सरकार को वह जनकल्याणकारी योजनाएं पसंद नहीं आई।
उन्होंने कहा कि कैंसर रोगी हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत था लेकिन अस्पताल में रोगी को इंजेक्शन नहीं मिला। बीते माह रोगी की मौत हो गई थी। रोगी की बेटी जाह्नवी शर्मा ने सीएम हेल्पलाइन पर इस संबंध में शिकायत की है। आरोप है कि हिमकेयर में पंजीकृत होने और उसमें राशि होने के बावजूद उसके पिता देवराज को इंजेक्शन नहीं मिला। जाह्नवी ने सीएम हेल्पलाइन पर इस कोताही के लिए जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। भाजपा मृतक के परिवार के साथ है, सरकार द्वारा हस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
मृतक के परिवारजनों ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को आईजीएमसी के डॉक्टर ने 13 नवंबर को एक जरूरी इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा था। आईजीएमसी प्रबंधन के बार-बार चक्कर काटने के बाद भी इंजेक्शन नहीं मिला। इंजेक्शन की कीमत करीब 50 हजार रुपये थी। परिवार की आर्थिक हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह इंजेक्शन खरीद पाए। लिहाजा 3 दिसंबर को उनके पिता की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में मरीजों की एंजियोग्राफी बंद हो गई है। इस वजह से कार्डियोलॉजी विभाग में उपचार करवाने आ रहे मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हिम केयर और प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का पांच लाख तक मुफ्त में उपचार होता है। लेकिन मेडिकल स्टोरों के संचालकों को इन योजनाओं के लंबित बिलों का भुगतान न होने से संचालकों ने अब सामान देने से मना कर दिया है। इस कारण आईजीएमसी में एंजियोग्राफी बंद हो गई है। इन मरीजों के चिकित्सकों ने केस बना रखे थे लेकिन एंजियोग्राफी बंद होने से अब उनके केस रद्द करने पड़े हैं।