हिमाचल प्रदेश के प्रथम DGP IB नेगी को उनके पैतृक गाँव सांगला, किन्नौर में पूरे राजकीय सम्मान और गर्व के साथ अंतिम विदाई दी।

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गांव में उनके पार्थिव शरीर को देखने उमड़ी भीड़, नम आँखों से गांववालों ने पारंपरिक रीतिरिवाज के साथ दी अंतिम विदाई



IBEX NEWS,शिमला


हिमाचल प्रदेश के प्रथम और DGP इन्द्र भगत नेगी को उनके पैतृक गाँव सांगला, जिला किन्नौर में पूरे राजकीय सम्मान और गर्व के साथ अंतिम विदाई दी गई। गांव में उनके पार्थिव शरीर को देखने भीड़ उमड़ी । आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हर कोई सांगला उनके अंतिम दर्शन को पहुंचा और नम आँखों से गांववालों ने पारंपरिक रीतिरिवाज के साथ दी अंतिम विदाई दी ।

शिमला से किन्नौर के सांगला तक की अंतिम यात्रा के दौरान लोग सड़कों के किनारे रास्ते में जहाँ भी भी लोगों को मालूम हुआ फूलमाला हाथों में लिए उनके अंतिम दीदार को उतावले दिखे ।ज्यूरी रामपुर में भी लोग पलक बिछाए रहे । करछम में आर्मी जवानों ने भी उनके सम्मान में अंतिम विदाई दी ।


किन्नौर में आईबी नेगी का खूब रुतबा रहा है लोग उनका बहुत सम्मान करते थे ।हर कोई उनकी इंसानियत का कायल रहा है ।अच्छी कद काठी के धनी आईबी नेगी जैसी शख्शियत बनने की इच्छा यहाँ का युवा रखता है लिहाजा उनकी अंतिम विदाई के समय खूब भीड़ रही ।अमित शर्मा, उपायुक्त जिला किन्नौर, अभिषेक एस., पुलिस अधीक्षक जिला किन्नौर, रतन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला शिमला, मेजर शशांक, उप मण्डलाधिकारी (नागरिक), कल्पा, जिला किन्नौर, नवीन झाल्टा, उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय), जिला किन्नौर, राज कुमार, उप मण्डल पुलिस अधिकारी, भावानगर, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्व. इन्द्र भगत नेगी गाँव सांगला के मूल निवासी थे। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1932 को हुआ था। वे वर्ष 1958 में उत्तर प्रदेश कैडर में आईपीएस अधिकारी नियुक्त हुए।

उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान विभिन्न पदों पर अपनी बहुमूल्य सेवाएँ प्रदान की और अपने प्रशासनिक अनुभव, अनुकरणीय नेतृत्व एवं दूरदृष्टि से हिमाचल प्रदेश पुलिस को एक सशक्त, अनुशासित एवं प्रभावी पुलिस बल के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें उनकी प्रतिष्ठित, अनुकरणीय और मेधावी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक से नवाजा गया। उन्हें हिमाचल प्रदेश का प्रथम पुलिस महानिदेशक होने का भी गौरव प्राप्त है। उनका योगदान हमेशा सम्मान और गर्व के साथ याद किया जाएगा।

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