IBEX NEWS,शिमला ।
हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा वन प्रशिक्षण संस्थान, चायल, जिला-सोलन (हि.प्र.) के सभागार में हिमाचल प्रदेश वन विभाग के प्रशिक्षुओं के लिए “वानिकी प्रजातियों के बीज और नर्सरी तकनीकों पर हितधारकों की क्षमता निर्माण” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षणकार्यक्रम आयोजित किया गया है । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में सर्वप्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक वैज्ञानिक पीताम्बर सिंहनेगी ने मुख्यातिथि डा० संदीप शर्मा, निदेशक, हिमालयन वनअनुसंधान संस्थान, शिमला हितेन्द्र शर्मा, निदेशक, वन प्रशिक्षण संस्थान, चायल, संस्थान के अन्य अधिकारियों एवं प्रशिक्षण कार्यक्रममें शामिल प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा की यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा वित पोषित कैम्पा परियोजना “विविध वन प्रकार से चयनित प्रजातियों के बीज परीक्षण और बीज भंडारण प्रोटोकॉल विकसित करना – ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड प्रोजेक्ट-10” के अंतर्गत आयोजित की जा रही है। इस प्रशिक्षणकार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य उक्त परियोजना के अंतर्गत प्राप्त सफल शोध परिणामों को हित धारकों के मध्य सांझा करना है ताकि वो इसे जमीनी स्तर पर उपयोग कर सके और वानिकी बीज और नर्सरी तकनीकों पर अपनी क्षमता विकसित कर सके। इस के उपरांत उन्हों नेहिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में वानिकी से संबंधित किए जा रहे शोध कार्यों पर प्रतिभागियों के समक्ष अपने विचार रखे और एक दिवसीय प्रशिक्षणकार्यक्रम का विस्तृत वयोरा दिया । इस के उपरांत डा० संदीप शर्मा, निदेशक, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया और प्रशिक्षिणार्थियों को संबोधित किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा की हमारे देश की वन आवरण लगभग 25% है जो की राष्ट्रीय वन नीति में निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है जिस को बढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता है । उन्होंने कहा की वन विभाग के कर्मियों का प्रमुख कार्य हिमालय के वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर के वन आवरण को बढ़ाना है। यह प्रशिक्षणकार्यक्रम इन के लिए बहुत लाभप्रद रहेगी, क्यों की इस प्रशिक्षण के दौरान वन विभाग के प्रशिक्षुओं को वानिकी प्रजातियों के बीज और नर्सरी तकनीकों पर वैज्ञानिको द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी। तत्पश्चात हितेन्द्र शर्मा, निदेशक, वन प्रशिक्षण संस्थान, चायलने अधिकारियों एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों के समक्ष अपने विचार रखे। एक दिवसीय प्रशिक्षण के तकनीकी स्तर में संस्थान के वैज्ञानिक पीताम्बर सिंह नेगी ने वन विभाग के प्रशिक्षुओं केसमक्ष “एआईसीआरपी-10 परियोजना के अंतर्गत पांच महत्वपूर्ण वानिकी प्रजातियों के बीज और नर्सरी तकनीक” विषय पर विस्तृतप्रस्तुति दी । अपनी प्रस्तुति में उन्होंने ने पाँच वानिकी प्रजाति क्रमश: भोजपत्र (Betula utilis), कठभोज (Betula alnoides), गुलाबी बुरांश (Rhododendron campanulatum), पाजा (Prunus cerasoides) और सोरबस लेनेता (Sorbus lanata) के बीज और नर्सरी तकनीक और “हिमालयी कोनिफर की नर्सरी और रोपण तकनीक” विषयों पर विस्तृत प्रस्तुति दी । इस के उपरांत डा० संदीपशर्मा, निदेशक, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने“गुणवत्तापूर्ण रोपण स्टॉक के उत्पादन के लिए आधुनिक नर्सरी तकनीक के महत्व” और “महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधीय पौधों की कृषि तकनीकें” विषयों पर अपना वयाखान दिया । डा० पवन राणा,वैज्ञानिक ने “कोनिफर और ओक के कीट और उनका पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन” विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इस प्रशिक्षणकार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश वन विभाग के 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन्न समारोह में डा० संदीप शर्मा,निदेशक, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने प्रशिक्षिणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया गया ।