जांच की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए हरिकेश मीना, प्रबंध निदेशक, एचपीपीसीएल तथा देश राज, निदेशक विद्युत, एचपीपीसीएल दोनों ही एचपीपीसीएल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करेंगे।
राकेश प्रजापति आईएएस (2012) अगले आदेशों तक एमडी, एचपीपीसीएल का कार्यभार संभालेंगे।
सुरेन्द्र कुमार, निदेशक सिविल अगले आदेशों तक निदेशक, विद्युत का कार्यभार संभालेंगे।
ये आदेश कार्मिक विभाग की सहमति से जारी किए गए हैं और इन्हें मुख्य सचिव का अनुमोदन प्राप्त है।
IBEX NEWS,शिमला
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक विमल नेगी की अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में मौत की जाँच ACS ओंकार शर्मा को सौंप दी है । ओंकार शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह/राजस्व) गहन जांच करेंगे। वे परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों तथा अन्य किसी भी व्यक्ति को जो अपना इनपुट देना चाहेगा, को शामिल करेंगे। वे आज से 15 दिन की अवधि के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।जांच की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए हरिकेश मीना, प्रबंध निदेशक, एचपीपीसीएल तथा श्री देश राज, निदेशक विद्युत, एचपीपीसीएल दोनों ही एचपीपीसीएल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करेंगे। राकेश प्रजापति आईएएस (2012) अगले आदेशों तक एमडी, एचपीपीसीएल का कार्यभार संभालेंगे और सुरेन्द्र कुमार, निदेशक सिविल अगले आदेशों तक निदेशक, विद्युत का कार्यभार संभालेंगे।येआदेश कार्मिक विभाग की सहमति से जारी किए गए हैं और इन्हें मुख्य सचिव का अनुमोदन प्राप्त है।

आरोप है कि वे अपने संगठन में दबाव में थे। इस मुद्दे को विधानसभा, मीडिया में उठाया गया तथा एचपीपीसीएल के कर्मचारियों से भी इस आशय का सरकार को ज्ञापन दिया। पुलिस नेगी की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच कर रही है, तथा एचपीपीसीएल के प्रबंधन के विरूद्ध आरोपों से सम्बन्धित मुद्दों की गहनता से जांच करना आवश्यक है।
हालाँकि परिजन शिमला में चक्का जाम पर बैठे है और तर्क दे रहे हैं कि आपराधिक मामलों में अतिरिक्त मुख्य सचिव की जांच कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि प्रथम दृष्टया में यह 108 न्याय संहिता का मामला आत्म हत्या के लिए उकसाने का बनता है। और इसकी जांच CBI से होनी चाहिए इसके साथ साथ HPCL के कार्यप्रणाली की जांच भी CBI से होनी चाहिए क्योंकि जब HPCL के अधिकारी एवं कर्मचारी भी जांच की मांग कर रहे है तो अंदरखाते कुछ न कुछ गड़बड़ जाला जरूर है।