चिट्टे पर सरकार का कड़ा रुख: हिमाचल में चिट्टा तस्करों के खिलाफ सरकार ने उठाया कठोर कदम, जान लेने वाले चिट्टा तस्करों की अब खैर नही, अब मिलेगा मृत्युदंड, सरकार ने विधानसभा में पेश किया विधेयक, पढ़ें पूरी खबर..

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हिमाचल प्रदेश में बढ़ते चिट्टे के खिलाफ अब सरकार कड़ा रुख अपना लिया है। प्रदेश में चिट्टा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार एंटी ड्रग एक्ट लेकर आई है। बुधवार को सरकार ने इस विधेयक को विधानसभा में पेश कर दिया है जो आज वीरवार को बजट सत्र में पास हो सकता है। इसमें जान लेने वाले चिट्टा तस्करों को फांसी/मृत्युदंड तक का प्रावधान किया गया है। पढ़ें विस्तार से.

IBEX NEWS,शिमला

.चिट्टा तस्करी, नकली शराब बेचने और इस तरह के अन्य संगठित अपराध से यदि किसी की मौत होती है तो दोषियों को आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक मिल सकता है। सजा के साथ दोषी को 10 लाख रुपये तक जुर्माना भी देना होगा। नशे से अर्जित की गई संपत्ति भी जब्त होगी। हिमाचल सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किए विधेयक में ये प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध विधेयक विधानसभा के सदन पटल पर रखा, इसे आज वीरवार को पारित किया जा सकता है।विधेयक के अनुसार, जो कोई संगठित अपराध के लिए उकसाता है, प्रयास करता है, षड्यंत्र रचता है, जानबूझकर उसे अंजाम देने में मदद करता है या संगठित अपराध की तैयारी के लिए किसी अन्य कार्य में संलग्न होता है, उसे कम से कम एक वर्ष के कारावास से दंडित किया जाएगा। सजा आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है। इसमें पांच लाख तक के जुर्माने का भी प्रावधान रहेगा।यदि कोई व्यक्ति संगठित अपराध गिरोह का सदस्य है, उसे कम से कम एक साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। जो कोई जानबूझकर किसी ऐसे व्यक्ति को शरण देगा या छिपाएगा, जिसने संगठित अपराध किया है, उसे कम से कम छह महीने के कारावास का प्रावधान किया गया है।

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