पहाड़ों की रानी,शिमला।कायल कौन नहीं इसका।

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IBEX NEWS, शिमला।

ये सचमुच पहाड़ों की रानी है।अपने यौवन सौंदर्य के चरम पर कहे तो गलत न होगा।कितनी सुंदर रानी है ये।प्रकृति प्रेमियों की प्रसिद्ध सैरगाह। समुद्र तल से 7200फीट की ऊंचाई पर स्थित शिमला शहर से 11किलोमीटर दूर पहाड़ों का दृश्य है।250साल पुराने तारा देवी मंदिर के परिसर से सुंदर पहाड़ मानो धुंध से एक दूसरे से जुड़े है और बातें कर रहे है।शिमला,सोलन साथ लगती कई जिलों की सीमाओं के कई शहरों और घने जंगलों के बीच बसे ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़ों तथा दूरगामी गांवों के नजारे स्वर्ग से सुंदर नजर आते है।प्रकृति की देवी जैसे यहां विश्राम करने उतरी हो।

आप शिमला घूमने आए हो तो यहां आना न भूले।ऐसा माना जाता है कि 18वीं सदी में पश्चिम बंगाल से हिमालय की गोद में तारा मां को यहां लाया गया था। स्थानीय लोगों की कुल इष्ट है। जुनगा के सेन राजा की कुल इष्ट भी। घने जंगलों से सटे पहाड़ के टॉप पर ये मंदिर है। इन दिनों यहां के नजारे देखने लायक है।

कुछ लोगों का कहना है कि मां तारा सितारों की देवी होने के कारण आसमां से सभी को देखती है और आशीर्वाद देती है। इनके साथ ही भैरव का मंदिर है।

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