मनजीत नेगी/IBEX NEWS
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार खूब हंगामे के आसार है। 13वीं विधानसभा का पंद्रहवां सत्र इस सरकार का आखरी सत्र होगा।इसके बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है।ऐसे में सता पर काबिज होने के लिए मौजूदा हालत में दोनो प्रमुख राजनीतिक दल सदन के भीतर प्रश्नों के तीखे बाणों से एक दूसरे पर वार करने की तैयारी में जुटे है। तीर तरकश से निकाल कर धार को तेज किया जा रहा है। मौजूदा राजनीतिक माहौल को देख कर भी ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है सदन के भीतर भी मानसून सत्र का ये सत्र यादगार होगा।
सदन के नेता जय राम ठाकुर और विपक्षी नेता मुकेश अग्निहोत्री सोशल मीडिया में एक दूसरे पर आरोपों प्रत्यारोपों को लेकर अपनी एफबी पोस्ट से पहले ही सियासी गर्माहट बनाए हुए है। लाजमी है कि दोनों के तल्ख तेवर दिखेंगे साथ ही साथ दोनों की फौज यानि विधायक गण भी जनता ज्वलंत मुद्दों को लेकर शिमला के बरसात के मौसम को और बिगाड़ सकते है।
सतापक्ष अपने कार्यकाल में हुए कामों ,योजनाओं से विपक्ष को चुप कराने की रणनीति अख्तियार करेगी। वहीं विपक्ष जनता के मुद्दों को लेकर भरी बरसात में सदन के भीतर शोले भड़का सकती है।
विधानसभा सचिवालय के पास कर्मचारियों का पुरानी पेंशन बहाली,सड़कों की खस्ता हालत, सड़कों की डीपीआर में देरी,बढ़ते आ पराधिक मामलों,बिगड़ती कानून व्यवस्था,विभागों में रिक्त पदों,पुलिस भर्ती घोटाला,शराब ,खनन माफिया जैसे जुड़े मामलों पर प्रश्न पूछे गए है।
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सोमवार को शिमला में आयोजित पत्रकार समेलन को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने आगे बताया कि अभी तक 367 सूचनाएं तारांकित तथा अतारंकित प्रश्नों के रूप में मांगी गई है।
10अगस्त से शुरू होने वाले इस सत्र में चार बैठकें होगी। 10अगस्त को शोकोदगार,11अगस्त को गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस। के लिए निर्धारित है।शनिवार को ही सदन की कार्यवाही होगी। परमार ने कहा है कि दोनों पक्षों से आग्रह रहेगा कि सदन की गरिमा बनाए रखें। व्यर्थ की चर्चाओं और बहसबाजी में कीमती समय को जाया न करें। जनहित के मामलों को सुलझाएं।
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंकीपॉक्स, कोविड 19के खतरे को भांपते हुए पूरे प्रबंध किए है। गेट,दरवाजे,सदन हॉल,परिसर सभी को सेनिटाइज किया जाएगा और इसके लिए मंगलवार को सभी विभागों के अधिकारियों के साथ विधानसभा के अच्छे संचालन के लिए उच्चस्तरीय बैठक होगी।
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इसलिए किसी भी सरकार का आखिरी सत्र धमाकेदार और भावुकता वाला रहता है। वहीं सदन में दलों के तीखे तेवरों के रुख से आगामी विधानसभा सदन की तस्वीर भी कुछ हद तक साफ हो जाती है।