IBEX NEWS शिमला,
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए अधिक समय नहीं देने पर गुरुवार को विपक्ष उखड़ गया और सरकार के खिलाफ हंगामा और नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जैसे ही चर्चा का जवाब देने सीट से उठे, विपक्ष में अन्य सदस्यों को बोलने का मौका न दिए जाने पर सदन में हंगामा कर दिया।विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए केवल चार घंटे का समय दिया गया।17विधायकों को बोलने का समय नहीं दिया गया।सरकार से हर वर्ग परेशान है। अविश्वास प्रस्ताव के बाद सीएम को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी ने कहा की विपक्ष के साथ ही सरकार आम जनता का विश्वास भी खो चुकी है। एक तिहाई बहुमत के बाद ये प्रस्ताव लाया गया।विपक्ष को सुना नहीं गया।जिसके बाद वॉकआउट किया।
विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए विपक्ष के नेता अग्निहोत्री ने आगे कहा कि फोरलेन, एनएच,रेल लाइन नहीं बनी।सरकार ने कहा था कि एनएच में जमीन के लिए लोगों को चार गुना मुआवजा मिलेगा।वो नहीं मिला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के अपने गृह जिला के ड्रीम प्रोजेक्ट हवाई पट्टी नहीं बनी।हिमाचल की संपतियों को बेचा जा रहा है।टूरिज्म के कई प्रॉजेक्ट को बेचने का प्रयास किया गया है। पुलिस भर्ती पेपर लीक का बड़ा मसला है।जांच जब सीबीआई को सौंपी गई थी तो सीबीआई जांच को क्यों नहीं आई ?अब सारे मामले जनता के दरबार में पहुंच गए है। भाजपा की सरकार को जनता खुद हटा देगी।
यदि मुख्यमंत्री स्वयं इस्तीफा नहीं देती है तो लोग खुद चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा देंगे।
दूसरी और मीडिया से बातचीत में वरिष्ठ नेता आशा कुमारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक तिहाई बहुमत जरूरी होता है।जो कि हेड काउंट करवाकर विपक्ष ने ये साबित भी कर दिया था की हम 23विधायक इस मोशन के साथ खड़े है। जब अविश्वास प्रस्ताव 23लोगों ने मूव किया था तो सभी 23विधायकों को बोलने का अवसर मिलना चाहिए था। सरकार चर्चा सुनने से भागती है। विपक्ष को बोलने ही नहीं दिया गया। सदन में हम किसलिए आए है? लोगों की आवाज उठाने के लिए हम है। मंहगाई चर्म पर है। आटा,चावल,घी, दहीं आदि अधिकतर खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लागू किया गया है।सेब बागवानों की अपनी समस्या है।कार्टन पर जीएसटी है। पेंसिल और शार्पनर तक में जीएसटी लागू किया है।जनता त्रस्त है। हमें सरकार पर विश्वास नहीं है लोग भी विश्वास खो चुके है, अब लोग खुद मजा चखाएंगे।आने वाले विधानसभा चुनाव में सब साफ हो जाएगा।
सदन में बोलने में कोई भी रुकावट नहीं है।
सरकार ने एक तो इतना छोटा सत्र आयोजित किया।पहली बार ऐसा हो रहा है कि 35दिन का सेशन 4दिन में समेटा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का ऐसा नियम है कि 35दिन पूरे होने चाहिए। चार दिन के सेशन में भी हमें नहीं बोलने दे रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव 3घंटे में क्या पूरा हो सकता है? हमने बोलना था,सरकार की तरफ से भी बोलना था। हमें तो सुना ही नहीं तो हम बाहर आ गए।