मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की पहल के बाद शिमला वाले गदगद।
IBEX NEWS/मनजीत नेगी
शिमला को पहाड़ों की रानी इसलिये ही कहा जाता है क्योंकि यहां प्राकृतिक सौंदर्य कूट-कूट कर समाया हुआ है।
आज कई दिनों बाद गजब की धूप है और बारिश से निजात मिली है देखो ,तभी आज कितना साफ सुथरा मनमोहक लग रहा है शिमला।
इस पहाड़ों की रानी शिमला के चाहने वाले भी कम नहीं है। बस अब और कंक्रीट का ग्रहण न लगे इसे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में सदन में ऐसा आश्वासन दिया है कि शिमला से भीड़ भाड़ को कम करना जरूरी है और आस पास के क्षेत्रों में शिमला में कई विभागों के मुख्यालय है उसे शिफ्ट करने के लिए काम होगा। प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार से सरकारी भवन की मांग रखी थी जैसे उद्योग विभाग।रिकॉर्ड की अधिकतता के चलते वहां जगह का अभाव हो गया है । उच्चतम न्यायालय के विशेषज्ञों तक से इस बाबत सिफारिशों एवम् विचार विमर्श हो चुका है।अर्की के विधायक ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि कुछ सरकारी कार्यालयों को हमारे यहां शिफ्ट करे ताकि वहां के लोगों को सहूलियत हो और कुछ आर्थिकी बढ़े। राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है।मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के इस ऐलान के बाद सरकारी
कार्यालयों,मुख्यालयों में शिफ्टिंग की सुगबुगाहट शुरू है।वहीं शिमला की खूबसूरती को बचाया जा सकता है।
शिमला भारत का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। ये भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है और हिमाचल प्रदेश की राजधानी है।
दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड राज्य, उत्तर में मण्डी और कुल्लू, पूर्व में किन्नौर, दक्षिण में सिरमौर और पश्चिम में सोलन जिलों से घिरा हुआ है। 1864 में, शिमला को भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। यह ब्रिटिश भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ का मुख्यालय और 1876 के बाद से पंजाब प्रान्त की भी ग्रीष्ममकालीन राजधानी थी। स्वतंत्रता के बाद, शिमला नगर पूर्वी पंजाब राज्य की राजधानी बन गया और बाद में हिमाचल प्रदेश के गठन पर इसे राज्य की राजधानी घोषित कर दिया गया। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल, शिमला को अक्सर पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता है।
हिमालय के घने जंगलों में स्थित इस क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों ने शहर की स्थापना के लिए अंग्रेजों को आकर्षित किया। ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में, शिमला ने 1914 के शिमला समझौते और 1945 के शिमला सम्मेलन सहित कई महत्वपूर्ण राजनीतिक बैठकों की मेजबानी की। स्वतंत्रता के बाद, 28 रियासतों के एकीकरण के परिणामस्वरूप 1948 में हिमाचल प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया।