खिमलोगा दर्रा में फंसे ट्रैकर व पोर्टर को सुरक्षित निकालने के लिए गए 35 सदस्य दल नहीं पहुंचा छितकुल।उनसे संपर्क कटा। देर शाम तक भी नहीं हुई इनकी वापसी।

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खिमलोगा दर्रा में फंसे ट्रैकर व पोर्टर को सुरक्षित निकालने के लिए हिमाचल पुलिस, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल व होमगार्ड के जवानो का 35 सदस्य दल देर रात तक भी छितकुल नहीं पहुंच पाया है। उनसे दिनभर भी कोई संपर्क नहीं हुआ है। आज जिला मुख्यालय बचाव दल ने फंसे लोगों और मृतक को पहुंचना था। मगर संपर्क नहीं हो पाने से दिनभर टक टकी लगाए प्रशासन रहा। हालांकि बीते कल जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि सोमवार शाम तक सभी को रिकांगपियो पहुंचा दिया जायेगा। बेस कैंप में दर्रे के पास सभी ट्रैकर्स को सुरक्षित पहुंचाया है और शव को आज दर्रे से लाया जाना था।बीते कल शव को दर्रे पर ही सुरक्षित रखा था।आज दिनभर क्या हुआ ? संपर्क न होने से कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया।

जिला प्रशासन को सूचना मिली थी उत्तराखण्ड की उत्तरकाशी से 28 अगस्त 2022 को 3 ट्रेकर व 6 पोर्टर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के छितकुल के लिये रवाना हुये। जिनमे से एक ट्रेकर 50 वर्षीय नरोत्तम राम व 3 पोर्टर गत सायं छितकुल पहुंचे। ट्रेकर व पोर्टरो ने बताया कि उनके साथ आ रहे एक ट्रेकर सुजॉय डुले की खिमलोगा दर्रे को पार करते हाथ से रस्सी छूटने के चलते मौके पर ही मौत हो गई है जबकि दूसरा ट्रेकर 49 वर्षीय सुब्रोतो विश्वास इस दौरान घायल हो गया है।उन्होंने बताया कि घायल ट्रेकर व तीन पोर्टर अभी भी खिमलोगा दर्रे में फंसे हैं। बर्फ पर ही टैंट लगाकर वे अपनी सुरक्षा का इंतजार कर रहे है।


आविद हुसैन सादिक़ ने बताया कि तीनों ट्रेकर पश्चमी बंगाल से है जबकि पोर्टर कल्याण सिंह,नैन सिंह, देवराज, प्रदीप, जयेन्द्र सिंह उत्तराखंड के उत्तराकाशी जिले के लेवाड़ी गावँ व देवराम उत्तराखण्ड के उत्तराकाशी के जमेल गावँ से है।

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