AICC मीडिया प्रभारी अलका लांबा ने आशा वर्करों की भर्ती पर सरकार को घेरा,जड़े गंभीर आरोप।
IBEX NEWS, शिमला
भर्ती नहीं – चुनावी रेवड़ी – वो भी इसके असली हकदारों को नहीं भाजपा महिला कार्यकर्ताओं में बांटी जायेगी.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे मे सरकार को आशा वर्कर्स की भर्ती याद आयी है। एक आदेश मे आशा वर्कर्स की भर्ती के लिए 20 सितंबर तक आवेदन प्रक्रिया पूरी किये जाने की बात की गयी है। इसके पीछे जनता को घर द्वार पर प्राथमिक उपचार मिलने मे सुविधा होने का दावा किया गया है।
काँग्रेस ने सरकार के इस निर्णय पर तंज कसते हुए कहा की पाँच साल तक सरकार को जनता की सुविधा का ख्याल नही आया और अब चुनावी हार को सर पर देख आशा वर्कर्स की भर्ती बस एक “चुनावी रेवड़ी” भर है।
AICC मीडिया प्रभारी अलका लांबा ने कहा की प्रदेश मे युवा और महिलाएँ महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे है। रोजगार के नाम पर सिवाय बड़े बड़े भाषण के अलावा कुछ नही मिला लेकिन चुनाव आते ही भाजपा की सरकार इस तरह चुनावी रेवड़ियां बाँटकर जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है। पाँच साल इंतजार करने के पीछे क्या मजबूरी थी इसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा। बेरोजगारी और महंगाई की चौतरफा मार झेल रही हिमाचल की जनता इस प्रकार की चुनावी रेवड़ियों से संतुष्ट नही होने वाली है।