हाटी समुदाय के तीन लाख लोगों को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा
चुनावी माहौल में सरकार ने सिरमौर के लोगों को दी बड़ी सौगात।
राज्य और केंद्र सरकार ने बड़ा राजनीतिक स्ट्रोक लगाया।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने की घोषणा।
IBEX NEWS, शिमला।
चुनावी माहौल के बीच सिरमौर के लोगों को केंद्र और राज्य सरकार से बड़ी सौगात मिली है।
राजनीतिक स्ट्रोक लगाते हुए गिरीपार क्षेत्र के लगभग तीन लाख की आबादी वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का लाभ मिलेगा। रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया (आरजीआइ) ने स्वीकृति की मुहर लगाई है।
केंद्र में इस मामले की पैरवी स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की है। उन्होंने भाजपा के सिरमौर नेतृत्व को भी अपने साथ शामिल किया।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं शिमला के सांसद सुरेश कश्यप, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, सिविल सप्लाई कारपोरेशन के उपाध्यक्ष एवं शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर व विधायक रीना कश्यप भी हाटी को एसटी का वजूद देने में कसरत करते रहे। तोमर को मुख्यमंत्री का बेहद करीबी माना जाता है। वह स्वयं भी हाटी क्षेत्र से आते हैं।
आरजीआइ से हरी झंडी मिलने के बाद मामला केंद्रीय कैबिनेट में था। भाजपा घोषणापत्र के वादे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही इस मामले पर अपनी सिद्धांतिक मंजूरी दे दी थी।अब केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसे स्वीकृति की मुहर लगा दी हैं। पत्रकार वार्ता के माध्यम से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी घोषणा की है।
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154 पंचायतों की मिलेगा लाभ
इससे ट्रांस गिरी क्षेत्र की 154 पंचायतों की करीब तीन लाख जनसंख्या लाभांवित होगी। हाटी समुदाय सिरमौर जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में रहता है, जिसमें शिलाई, पांवटा साहिब, रेणुका और पच्छाद शामिल हैं। सिरमौर जिले की सीमा से लगते उत्तराखंड में इस समुदाय को जनजातीय दर्जा प्राप्त है।
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जोंसार बावर को पहले ही मिल चुका है एसटी का दर्जा
जोंसार बावर को एसटी का दर्जा बहुत पहले 1967-68 में प्रदान किया गया था और वे सिरमौर जिले में रहने वाले लोगों के साथ समान संस्कृति है।