तेजवंत नेगी के नामांकन में उमड़ती भीड़ ने फीके किए विरोधियों के चेहरों के “तेज”। किन्नौर की ठंडी फिजाओं में चुनावी माहौल गर्म शोलों में तब्दील।

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IBEX NEWS, शिमला।
हिमाचल का जिला किन्नौर विधानसभा क्षेत्र इस बार बढ़ती सर्द फिजाओं के बीच भी गर्माहट की चादर ओढ़े है। चुनावी माहौल ने यहां के तापमान को इस कदर तड़का लगाया है कि यहां के दो बार बीजेपी से विधायक रहे तेजवंत नेगी ने भाजपा से टिकट न मिलने पर सैंकड़ों समर्थकों के बीच निर्दलीय प्रत्याशी

नामांकन भर दिया।

तेजवंत नेगी के नामांकन में उमड़ती भीड़ ने विरोधियों के चेहरों के “तेज” को फीका कर दिया है। रिकांगपियो चौक इसका गवाह बना। तेजवंत नेगी के नामांकन के लिए बढ़ता कारवां जैसे ही आगे बढ़ा चौक पर पहले से भाजपा के प्रत्याशी सूरत नेगी की चुनावी रैली का डंका बज रहा था।शांत भीड़ तेजवंत नेगी के पीछे अदब से बढ़ी,हालांकि सामने से बागी बतौर कटाक्ष वार हुए।

अब निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा से दो बार विधायक रह चुके तेजवंत नेगी के लिए कैडर वोटर्स की आत्मीयता समझो या फिर वरिष्ठ नेता के लिए प्रेम यहां रैली की भीड़ शांत रही। तेजवंत नेगी के जोशिले कारवां ने अपने नेता के लिए जमकर नारेबाजी की और बिना कौतूहल नामांकन स्थल की ओर अदब से बढ़ती चली गई। दोनों नेताओं के भीड़ की तहजीब यहां आकर्षण का केंद्र बनी। या यूं कहे कि इलाके के लोग बेहद शालीन,सभ्य और मिलनसार है जिनमे एक दूसरे के लिए प्रेमभाव है।

हालांकि इतना जरूर है कि इस मौके पर भाजपा उम्मीदवार चुनावी रैली में विपक्षी पार्टी कांग्रेस को घेरने की बजाय अपने दल के बागियों के बखान को मजबूर हो गए।

भाजपा सरकार के कार्यों को गिनवाकर वोट की अपील करते नजर आए।

दूसरी और हर किसी के दिलों में राज करने वाले स्वर्गीय ठाकुर सेन नेगी के नक्शे कदमों पर अब निर्दलीय बतौर राजनीतिक यात्रा शुरू करने की तुलना करते हुए तेजवंत नेगी किन्नौर के लोगों के दिलों को टटोलते हुए इमोशनल कार्ड स्वाइप करने की कोशिश कर रहें है। वहीं अपने विरोधी भाजपा के प्रत्याशी सूरत नेगी को भी भारी भीड़ से साफ संकेत दिया है कि कैडर वोट से इतर लोग अनुभवी राजनीतिक धुरंधर को भूले नहीं है।तेजवंत के चेहरे का “तेज” बरकरार है।


महज 120 मतों के मार्जिन से बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी विधायक जगत नेगी से शिखस्त मिली। इस खाई को पाटने के लिए वर्तमान परिपेक्ष में ये है कि कांग्रेस ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। निगम भंडारी और जगत सिंह नेगी के बीच कांग्रेस आलाकमान ने टिकट तय नहीं किया है। बताते है कि इस उलझन को सुलझाने दो बार विधायक रह चुके जगत सिंह नेगी दिल्ली दरबार पहुंचे है।इस उत्पन्न स्थिति से एकतरफा माहौल किन्नौर की फिजाओं के मिजाज में है। कांग्रेस खुलकर वोट नहीं मांग पा रही है कि एकजुटता पर भी स्वालियां निशान लगे है।दोनो धड़े परस्पर विराधाभास में है और अपनी अपनी डफली अपना अपना राग वाली स्तिथि में है। लिहाजा यहां कांग्रेस की हैट्रिक पर आलाकमान की चुस्त कार्यशैली हावी होने लगी है।

किन्नौर की ठंडी फिजाओं में चुनावी माहौल गर्म शोलों में तब्दील इसलिए है कि त्रिकोणीय मुकाबला यहां अब उभर रहा है। देश के दूसरे बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस खुलकर जंग ए मैदान में हुंकार नहीं भर पाए है। टिकट पर फंसे पेंच के बीच यहां कांग्रेस के फैंस हताश है। आलाकमान से टिकट पर निर्णय न होने से कार्यकर्ता कोसने को मजबूर है।