Tibetan spiritual leader the Dalai Lama तिब्बती आध्यात्मिक नेता और बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से माफ़ी माँगे लाँछन लगाने वाले। नाको मोनेस्ट्री के प्रांगण में लोगों , लामा गण, प्रधान ग्राम पंचायत ,प्रधान महिला मंडल ,युवक मंडल नाको के सभी सदस्यों व जिला परिषद शांता कुमार के उपस्तिथि में एक विशेष रोष रैली निकाली ।

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय ज़िला किन्नौर के नाको मोनेस्ट्री के प्रांगण में समस्त नाको गांव के लोगों ने जिसमे मुख्य रूप से गांव के लामा गण, प्रधान ग्राम पंचायत नाको,प्रधान महिला मंडल नाको,युवक मंडल नाकों के सभी सदस्यों व जिला परिषद शांता कुमार के उपस्तिथि में एक विशेष रोष रैली निकाली ।

ज़िला किन्नौर के परिषद सदस्य शांता नेगी ने इस अवसर पर बताया कि दलाईलामा धर्मगुरु के बारे में गलत अफवाह फैलाई जा रही है। उसी संदर्भ के विरोध में शांति प्रिय तरीके से जन आक्रोश रैली निकाली गई हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से गुजारिश करते है कि ऐसे लोग व कुछ फेक मीडिया जो इस तरह से दलाई लामा कि पवित्र छवि को धुमिल करने की कोशिश कर रहे हैं वह ऐसा न करें उनके ख़िलाफ़ एक्शन हो। इससे बौद्ध समुदाय के लोग बहुत आहत हो रहे हैं। उन पर कड़ी कार्यवाई की जाए। उन्होंने बताया कि दलाई लामा एक ऐसे गुरु है जो सभी को शांति का संदेश देते हैं लेकिन उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया गया है। जिस तरफ से वीडियो को तोड़ मरोड़ कर वायरल किया जा रहा है वह निंदनीय है। उन्होंने बताया कि यह रोष रैली पूरे भारत में निकाली जाएगी। वही इस दौरान उन्होंने बताया कि दलाई लामा भारत में नहीं पूरे विश्व में पूजे जाते हैं। आने वाले समय में वे और इस तरह की रैलियों का आयोजन कर सकते हैं और बौद्ध धर्म के माध्यम से शांति का संदेश देने का प्रयास किया जाएगा।

नाको में निकाली रैली में गांव के समस्त लोगों ने बीते दिनों कुछ लोगों व मीडिया कर्मियों के द्वारा बौद्ध धर्म के सर्वश्रेष्ठ गुरु परम् पावन दलाई लामा पर लांछन लगाने के साथ साथ जो तुच्छ वाक्य कहे हैं उसकी कड़ी निंदा करते हुए जल्द से जल्द परम पावन से माफ़ी मांगने की मांग की है।

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तिब्बती आध्यात्मिक नेता और बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा हाल ही में एक विवाद के केंद्र में दिखे है। उनसे जुड़ा एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है।


इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं जिनमें लोगों ने इस पूरे प्रकरण को अनुचित और परेशान करने वाला बताते हुए दलाई लामा की कड़ी आलोचना की।

दलाई लामा के दफ़्तर की तरफ़ से एक बयान जारी किया गया जिसमें दलाई लामा ने उस बच्चे और उसके परिवार से माफ़ी मांगी और इस घटना पर अफ़सोस जताया।

साथ ही ये भी कहा गया कि दलाई लामा जिन लोगों से मिलते हैं उन्हें अक्सर मासूमियत से और मज़ाक़िया लहजे में चिढ़ाते हैं।

कब की है घटना?
यह घटना 28 फरवरी को धर्मशाला के उपनगर मैक्लोडगंज में एक कार्यक्रम के दौरान घटी। मंदिर में आयोजित दलाई लामा के इस कार्यक्रम में लगभग 100 स्कूली छात्र मौजूद थे।

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