डॉक्टरों की हड़ताल जारी।डॉक्टर और सरकार के बीच टकराव बढ़ने से प्रदेश में चरमरा सकती है स्वास्थ्य सुविधाएँ।
HMOA ने पहली बार मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सीय संघ से भी माँगी मदद,कहा एकजुट होकर लड़ते है लड़ाई।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा प्रदेश में जिन डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) मिल रहा है, उनका हड़ताल पर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बीते दिनों डेंटल डॉक्टर की भर्ती निकालने की मांग लेकर एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला। प्रतिनिधिमंडल ने NPA बंद करने की बात कही और कहा कि उन्हें NPA नहीं रेगुलर नौकरी चाहिए।इसके बाद सरकार ने डेंटल डॉक्टर की कुछ पोस्ट भरने को भी मंजूरी प्रदान की। इसलिए NPA विड्रॉ किया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में सभी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की और कहा कि जरूरी हुआ तो NPA के मसले पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
NPA बंद करने से नाराज डॉक्टर दो दिन से पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं। सुबह 9:30 से 11 बजे तक डॉक्टर OPD में नहीं मिले। इससे राज्य के अधिकांश मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों और दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को सुबह के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।HMOA ने पहली बार मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सीय संघ से भी मदद माँगी है । संघ का कहना है कि एकजुट होकर लड़ाई लड़ते है ।
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) ने नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) बंद करने पर पेन डाउन स्ट्राइक का ऐलान कर रखा है, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं निकल पाया।
HMOA ने चेतावनी दी कि जब तक NPA बहाल नहीं किया जाता, तब तक हड़ताल को खत्म नहीं किया जाएगा। सुबह 11 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक और इसके बाद काले बिल्ले लगाकर डॉक्टर ड्यूटी देंगे। हालांकि, इमरजेंसी और ऑपरेशन थिएटर की सेवाएं पहले की तरह आज भी चलती रहीं।
डॉक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी NPA मिलता है। इसका मकसद डॉक्टरों को चिकित्सीय सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करना है। यह भारत सरकार की सिफारिश पर सभी राज्यों में दिया जाता है, लेकिन सुक्खू सरकार ने माली वित्तीय हालत को देखते हुए इसे बंद करने का निर्णय लिया है।