जिला के किसानों व बागवानों को आश्वस्त किया कि उनकी नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए शीघ्र ही सड़क बहाली का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा।
जिला किन्नौर के मटर और सेब की फसलों को फल मंडियों तक पहुंचाने के लिए सड़क बहाली का कार्य शीघ्र पूर्ण करना आवश्यक है और इसलिए वह स्वयं बहाली के कार्य का निरक्षण कर रहे हैं।
IBEX NEWS,शिमला।
राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के निगुलसरी में अवरुद्ध राष्ट्रीय उच्चमार्ग-05 पर सड़क बहाली के कार्य का निरीक्षण किया और सड़क बहाली कार्य की प्रगति की समीक्षा की।
राजस्व मंत्री ने अवरुद्ध मार्ग के दोनों छोर पर सड़क बहाली के कार्य की प्रगति का जायज़ा लिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह मार्ग जिला किन्नौर की जीवन रेखा है। जिला किन्नौर के मटर और सेब की फसलों को फल मंडियों तक पहुंचाने के लिए सड़क बहाली का कार्य शीघ्र पूर्ण करना आवश्यक है और इसलिए वह स्वयं बहाली के कार्य का निरक्षण कर रहे हैं।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिला के लोगों की आय का मुख्य साधन सेब की फसल है तथा बागवानों को उनकी सेब तथा अन्य नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाने में किसी प्रकार की बाधा न हो इसके लिए वह स्वयं गत सायं से अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर उपस्थित हैं तथा सड़क बहाली के कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने जिला के किसानों व बागवानों को आश्वस्त किया की उनकी नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए शीघ्र ही सड़क बहाली का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा।
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निगुलसरी के 26 सेक्टर में वीरवार रात को पहाड़ी से भूस्खलन होने से बागवानों की वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिरने के आसार बढ़ गए हैं। टापरी स्थित एकमात्र फल मंडी में बागवानों की करीब 12 हजार सेब की पेटियों फँसी है। इनमें करीब 10 हजार पेटियां ट्रकों और छोटे वाहनों में लोड की गई हैं, जबकि बागवानों की ढाई हजार पेटियां मंडी में फंसी हैं।
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मंडी में व्यापार कर रहे आढ़तियों का कहना है कि यदि समय रहते नेशनल हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल नहीं हुआ, तो उन्हें मजबूरन सेब की फसल वाया काजा-मनाली होते हुए प्रदेश और देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचानी पड़ेगी। ऐसे में उन्हें करीब चार सौ किलोमीटर अतिरिक्त सफर और आर्थिक मार झेलनी पड़ेगी।
जिला प्रशासन की मुस्तैद नहीं होता तो हो सकती थी बड़ी अनहोनी।लोग अधिकारियों की चौकसी को देखकर खुश।
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वीरवार को निगुलसरी में हल्का-हल्का भूस्खलन शुरू हो गया था। इसके चलते यहां से गुजर रहे दो वाहन भी एक चट्टान की चपेट में आ गए थे। हालांकि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। इसके तुरंत बाद जिला प्रशासन ने निगुलसरी में संवेदनशील बने इस स्थान पर वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यदि रोक न लगती तो देर रात यहां कोई हादसा पेश आ सकता था। जिला प्रशासन की सूझबूझ और मुस्तैदी के कारण बड़े हादसे से बचा जा सका।