केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को अभी तक किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिली है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश से भाजपा के चारों सांसदों से आग्रह किया कि आपदा की इस घड़ी में वे केंद्र के समक्ष हिमाचल के लिए आर्थिक मदद का मुद्दा उठाएं, ताकि जो लोग आपदा में अपना सब कुछ गंवा बैठे हैं, उन्हें पुनर्स्थापित किया जा सके।
IBEX NEWS,शिमला।
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान, क्षतिग्रस्त पुलों एवं सड़कों के बारे में जानकारी दी।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश एवं बादल फटने के कारण प्रदेश में जान-माल का बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 20 करोड़ रुपये की राशि लोक निर्माण विभाग को स्वीकृत की गई है, ताकि क्षतिग्रस्त पुलों एवं सड़कों को जल्द से जल्द यातायात के लिए बहाल किया जा सके। भारी बारिश एवं बादल फटने की घटनाओं के कारण लोक निर्माण विभाग को प्रारंभिक आंकलन के अनुसार लगभग 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिला मंडी के पधर में बादल फटने के कारण सड़क अभी भी यातायात के लिए बंद है, जिसे शीघ्र बहाल करने के प्रयास जारी हैं। इसके अतिरिक्त, जिला शिमला एवं कुल्लू में भी राहत एवं बचाव अभियान जारी हैं तथा प्रभावितों को सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जा रही है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने पधर क्षेत्र का दौरा किया है और प्रभावितों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है। सर्वाधिक प्रभावित तीन जिलों कुल्लू, मंडी और शिमला के उपायुक्त आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए निरन्तर कार्य कर रहे हैं। विभाग द्वारा चार नई पोकलेन मशीनें और कुछ जेसीबी तलाशी अभियान को गति प्रदान करने के लिए दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी टीसीपी एवं साडा मापदंडों के अनुरूप सरकार द्वारा नदी नालों से 100 मीटर की दूरी तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था। इस फैसले को कड़ाई से लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-4 का कार्य भी आरम्भ होने वाला है। इसके तहत 100 से 200 तक की आबादी वाले गावों में सड़कें बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को अभी तक किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिली है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश से भाजपा के चारों सांसदों से आग्रह किया कि आपदा की इस घड़ी में वे केंद्र के समक्ष हिमाचल के लिए आर्थिक मदद का मुद्दा उठाएं, ताकि जो लोग आपदा में अपना सब कुछ गंवा बैठे हैं, उन्हें पुनर्स्थापित किया जा सके।