IBEX NEWS,शिमला।
वन नेशन-वन इलेक्शन’ के मसौदे को आज मोदी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को वन नेशन-वन इलेक्शन पर गठित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा दी। फैसले को मंजूरी मिलने के बाद अब पीएम मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है।पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास की अगुआई करने और विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी की सराहना करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, ‘पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत परिवर्तनकारी सुधारों का गवाह बन रहा है। आज, इस दिशा में, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक राष्ट्र, एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के साथ, भारत ऐतिहासिक चुनाव सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। यह स्वच्छ और वित्तीय रूप से कुशल चुनावों के माध्यम से हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और संसाधनों के अधिक उत्पादक आवंटन के माध्यम से आर्थिक विकास में तेजी लाने की मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है।
शिवराज बोले- हमेशा होने वाले चुनाव देश के प्रगति में बाधक
केंद्रीय मंत्रिमंडल में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को मंजूरी दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “आज मैं मन से बहुत प्रसन्न हूं, आज कैबिनेट ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में बहुत बड़ा फैसला किया है। हमेशा होने वाले चुनाव देश के प्रगति में बाधक थे इस देश में 24 घंटे चुनाव की तैयारी चलती रहती है….इसलिए विकास के बड़े फैसले नहीं लिए जा पाते। मैं पीएम मोदी को दिल से बधाई देता हूं ऐसा फैसला उनके नेतृत्व में ही हो सकता है। सभी मिलकर इसका समर्थन करें।
यह निर्णय ‘मील का पत्थर’ सिद्ध होगा: सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए राजनीतिक स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। योगी ने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा एक देश, एक चुनाव प्रस्ताव को दी गई मंजूरी अभिनंदनीय है। देश में राजनीतिक स्थिरता, सतत विकास और समृद्ध लोकतंत्र की सुनिश्चितता में यह निर्णय ‘मील का पत्थर’ सिद्ध होगा। इस युगांतरकारी निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार! उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लिखा कि बहुप्रतीक्षित एवं ऐतिहासिक कदम ! नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में ‘एक देश – एक चुनाव’ के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया जाना स्वागत योग्य निर्णय है।
इस फैसले पर क्या बोला विपक्ष-
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब चुनाव नजदीक आते हैं, तो असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ऐसी बातें करती है।
वहीं इस मामले पर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, ’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।
वन नेशन वन इलेक्शन पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, “इस देश में वन नेशन वन इलेक्शन था, मोदी जी कोई नायाब हीरा नहीं ला रहे हैं। 1962 के बाद वह क्यों हटा क्योंकि एकल पार्टी का प्रभुत्व खत्म होने लगे… मैं पहले इसका मसौदा देखूंगा। मान लीजिए- चुनाव होते हैं, उत्तर प्रदेश में बनी हुई सरकार गिर जाती है तो फिर क्या होगा? क्या आप राष्ट्रपति शासन लगाएंगे? क्या राज्यपाल के माध्यम से अगले चुनाव तक व्यवस्था होगी या फिर से चुनाव होंगे?… ये(भाजपा) लोग ध्यान भटकाने में माहिर हो गए हैं कि कैसे मौलिक चीज़ों से ध्यान हटाया जाए। आज देश को रोजगार चाहिए… क्या वन नेशन वन इलेक्शन रोजगार की करोड़ों संभावनाएं बना देगा?… आप खत्म हो जाएंगे लेकिन विविधता बरकरार रहेगी।
- भारत में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाने का प्रस्ताव यानि (वन नेशन वन इलेक्शन) को केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से मंजूरी दे दी गई है।संसद के शीतकालीन सत्र में यह बिल पास किया जाएगा।एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ होंगे और फिर दूसरे फेज में निकाय चुनाव कराए जाएं।मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी इस कदम को ऐतिहासिक बताया है।
क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
- दरअसल, अभी भारत में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं, लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि देशभर में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव करवाए जाए. यानि वोटर लोकसभा के साथ-साथ राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए भी एक ही दिन में अपना वोट करें. देश को मिली आजादी के बाद भी एक साथ ही चुनाव होते थे. 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे. लेकिन बाद में कुछ विधानसभाएं भंग हुई और फिर लोकसभा भी भंग हुई थी. जिससे देश में एक साथ चुनाव की परंपरा टूट गई थी. लेकिन केंद्र सरकार फिर से इस परंपरा को शुरू करना चाहती है. ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव लाया गया है. 1
क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
दरअसल, अभी भारत में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं, लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि देशभर में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव करवाए जाए. यानि वोटर लोकसभा के साथ-साथ राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए भी एक ही दिन में अपना वोट करें. देश को मिली आजादी के बाद भी एक साथ ही चुनाव होते थे. 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे. लेकिन बाद में कुछ विधानसभाएं भंग हुई और फिर लोकसभा भी भंग हुई थी. जिससे देश में एक साथ चुनाव की परंपरा टूट गई थी. लेकिन केंद्र सरकार फिर से इस परंपरा को शुरू करना चाहती है. ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव लाया गया है.