हिमाचल में बारिश का कोहराम।किनौर: करछम-सांगला सड़क पर भारी भूस्खलन, सड़क का एक हिस्सा टूटा, प्रदेश भर में बारिश का तांडव जारी, दर्जनों पुल बहे, 6 NH सहित 800 सड़कें बंद, यातायात बाधित, जनजीवन अस्तव्यस्त, पढ़ें पूरी खबर.. शिमला में भवन पर गिरा मलबा, मलबे में दबने से एक युवती मौत, बजुर्ग महिला का रेस्क्यू

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IBEX NEWS ,किनौर।

किन्नौर जिले की सांगला घाटी राज्य के बाकी हिस्सों से कट गई है, क्योंकि रविवार को भारी बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड से घाटी का महत्वपूर्ण संपर्क करछम-सांगला मार्ग अवरुद्ध हो गया है। छितकुल भारत-तिब्बत सीमा के पास आखिरी बसा हुआ गाँव है और मोटर योग्य सड़क वहाँ समाप्त होती है। 42 किलोमीटर लंबी करचम-छितकुल सड़क करछम से सांगला (19 किमी) और सांगला से चितकुल (23 किमी) तक दो हिस्सों में विभाजित है। भारी बारिश के चलते सड़क का एक हिसा लैंडस्लाइड से पूर्णतया लुप्त हो गया है। लोगों को इस सड़क पर यात्रा न करने सलाह दी गई है।हिमाचल प्रदेश में बीते 2 दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से 6 नेशनल हाईवे सहित 800 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। कुल्लू से लेकर मनाली तक हाईवे बंद है। लेह मनाली हाईवे अटल टनल से आगे बंद है। चंबा पठानकोट राजमार्ग बनीखेत के पास धंस गया है। कुल्लू में औट लूहरी रामपुर हाईवे बंद है। शिमला के घंडल के पास बैली ब्रिज गिरने का खतरा पैदा हो गया है और इस पुल पर ट्रैफिक वन वे किया गया है। भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिन इसी तरह बारिश के आसार हैं।प्रदेश में आज भी भारी बारिश होने का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि रविवार की तुलना में आज कुछ कम बारिश होगी। कल से 13 जुलाई तक मानसून में हल्की कमी आएगी। 14 जुलाई से मानसून फिर अधिक एक्टिव होगा। उन्होंने जनता से सावधानी बरतने की अपील की है।
उफनते हुए नदी-नालों के आसपास न जाएं, मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से की ये अपील..मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों और पर्यटकों से सावधानी बरतने और उफनते नदी-नालों के पास नहीं जाने की सलाह दी है। उन्होंने लैंडस्लाइड संभावित ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने को कहा है। प्रदेश में लगभग 35 घंटे तक हेवी रेनफॉल हुआ है। इससे राज्य के सभी नदी-नाले उफान पर हैं। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।


प्रदेश के यह शहर हुए जलमग्न
ऊना, मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में बहने वाली नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदी भी उफान पर है। मंडी शहर में ब्यास नदी कहर बरपा रही है। पंडोह बाजार, कुल्लू के अखाड़ा बाजार और औद्योगिक क्षेत्र बद्दी भी जलमग्न है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में 60 से ज्यादा गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। कुल्लू के कसौल में 6 गाड़ियां पानी में बह गईं।


मनाली-सोलन में रिकॉर्ड टूटा
मनाली और सोलन में बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। मनाली में पिछले 24 घंटे में 131.3 मिलीमीटर (MM) और सोलन में 107 MM बारिश हुई है। इससे पहले इन दोनों शहरों में 9 जुलाई 1971 को 105.1 MM और 17 जुलाई 2015 को भी 105 MM बारिश का रिकॉर्ड था।


कई गांव में ब्लैक आउट
प्रदेश के कई गांवों में बीती रात से ही बिजली गुल है। मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति है, जबकि पहाड़ों पर लैंडस्लाइड से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।


इन रूटों पर ट्रेनें भी बंद
पिछले 24 घंटे के दौरान लैंड स्लाइड की वजह से हेरिटेज कालका-शिमला तथा अंबाला-ऊना ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें भी बंद रहीं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी कई घरों, दुकानों व गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है।
परवाणू-शिमला फोरलेन, चंडीगढ़-मनाली, ठियोग-खड़ापत्थर नेशनल हाईवे, मंडी-पंडोह नेशनल हाईवे भी जगह-जगह लैंड स्लाइड के कारण बंद रहा। इससे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी।

बॉक्स

सिरमौर पुलिस,आपातकालीन राहत और बचाव कार्य प्रदान करने के लिए 24/7 काम कर रही हैं।
दिनांक 9-7-23 की मध्य रात्री 2:30 बजे प्राप्त सूचना के आधार पर, खोडो वाला में 10 लोगों को व मेहरूवाला (पांवटा साहिब) में फसे करीब 30 लोगों को सुरक्षित निकालकर, राहत कार्य किया गया।

The state government has released helpline numbers for respective districts and state emergency operation centre.
In case of any emergency please contact the following numbers