सरकार के किस मंत्री जी ने शिमला के बिजली प्रोजेक्ट को क्यों सुनाई खरी खोटी?कोर्ट में घसीटने तक की दी धमकी।दिया अल्टीमेटम लोगों के हक़ों पर डाका डाला और उनपर चोरी तक के झूठे केस तक डाल दिये , भुगत रहें हैं बेचारे,सोल्व करो मैटर, दो टूक दी सलाह।

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.स्पष्ट निर्देश दिए कि लाडा की मुआवजा रक़म ब्याज सहित लोगों को दी जाए।

IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश सरकार के बाग़वानी राजस्व और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगीं ने शिमला ज़िला के एक माइक्रोबिजली प्रोजेक्ट को ठीकठाक खरी खोटी सुनाते हुए कोर्ट के दरवाज़े तक घसीटने की दी धमकी दी है।जिनकी ज़मीन पर प्रोजेक्ट खड़ा किया उन्हें लाद के तहत मुआवज़ा राशि न देनी पड़े इसके लिये लोगों के हक़ों पर प्रोजेक्ट ने डाका डाला और उनपर चोरी तक के झूठे केस तक डाल दिये , अब ग़रीब लोग मुक़दमे भुगत रहें हैं। इनका क़सूर सिर्फ़ इतना रहा कि हक़ की लड़ाई के लिए लोगों ने शांति पूर्ण धरना दिया था। ज़िला शिमला के रामपुर SDM के समक्ष बिजली प्रोजेक्ट के ऑफिसरों को दो टूक कहा है कि पूरे मामले को सोल्व कर लोगों को राहत दो। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि लाडा की मुआवजा रक़म ब्याज सहित लोगों को दी जाए। दो साल से कंपनी ढुलमुल रवैया अपना रही है उन्होंने लोगों की समस्या की सुना इस दौरान उनके साथ विधायक

गुडविल हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट की टनल से से पानी रिसने की वजह से ग्राम पंचायत कूट के सुरू गाँव को ख़तरा उत्पन्न हो गया है और लोग परेशान है। गैंग की ज़मीने धँस रहीं है और कई घरों की सेंध हिल गई। नतीजन राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री जगत सिंह नेगी के रामपुर दौरे के दौरान शिमला प्रशासन ने मीटिंग रखी और बदाल पंचायत घर में आयोजित इस बैठक में गाँवो के सैकड़ों लोगों ने अपनी आवाज उठाई और उनपर झूठे केस लादने की शिकायत की । जिस पर मंत्री जी तिलमिला गए और प्रोजेक्ट प्रबंधन को सख़्त हिदायत दी है कि मामले को सोल्व करो।

ऐसे में कंपनी पर आरोप हैं कि अभी तक न तो ग्रामीणों के साथ जो एग्रीमेंट हुआ वो लागू किया गया है और न ही लोगों को तय रोज़गार कम्पनी ने नहीं दिया है।

लोगो ने बताया कि रामपुर उपमंडल के दुर्गम गांव सुरू में बनी परियोजना की टनल से जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा है। इसके चलते सैकड़ों ग्रामीण खतरे के साये में जीने के लिए मजबूर हैं। टनल से पानी का रिसाव होने से ग्रामीणों की जमीनें भूस्खलन की चपेट में आ चुकी हैं। वहीं घरों के ढहने का भी खतरा बना हुआ है। इस संबंध में कूट पंचायत एसडीएम रामपुर नरेंद्र चौहान के माध्यम से प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजकर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी की मांग रख चुके है ।उपमंडल के दुर्गम 15/20 क्षेत्र की कूट पंचायत में 24 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का हाल ही में उत्पादन शुरू हुआ। इस दौरान गुडविल परियोजना ने टनल में पानी भरना शुरू किया, जिसके चलते टनल से जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा है। कूट पंचायत प्रधान विजय नेगी, श्याम सिंह, कुलदीप सिंह, सनम, शेर सिंह, सुंदर सिंह, सूरत राम, लीला देवी, रत्न दास, काशी राम, मीरा देवी, दलीप सिंह, प्रताप सिंह, अजीत सिंह, ठाकुरमणी और मुकेेश नेगी के अलावा कई अन्य ग्रामीणों के अनुसार इस समस्या के बारे में पहले भी स्थानीय प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया है, लेकिन आज तक प्रशासन की ओर से इस समस्या को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। सूखे मौसम में भी गांव के निचले हिस्से से पानी का निकलना खतरे का संदेश है। यदि पानी का रिसाव यूं ही होता रहा तो बरसात में सुरू गांव की 70 बस्तियां सहित ग्रामीणों की जमीनें भूस्खलन की चपेट में आ सकती हैं।