शिंकुला दर्रे पर टनल के बनने से मनाली लेह की दूरी भी करीब 100 किलोमीटर कम हो जाएगी।शिकुंला दर्रे पर 4 किलोमीटर 250 मीटर टनल निर्माण से लाहौल स्पीति, लदाख व लेह में साल भर देश दुनिया के पर्यटक पहुंच सकेंगे।
IBEX NEWS,शिमला।
सामरिक महत्व के मनाली-दारचा-पदुम-लेह मार्ग पर बन रही विश्व की सबसे ऊंची शिंकुला टनल का निर्माण कार्य जून में शुरू होगा। दिल्ली की एक कंपनी को सीमा सड़क संगठन ने करीब 1500 करोड़ रुपये का टेंडर दिया है। टनल बनने से मनाली-दारचा-लेह वाया शिंकुला-पदुम एवं निम्मू मार्ग में 12 महीने सेना की कानवाई की आवाजाही रहेगी। चार किलोमीटर लंबी टनल तीन साल यानी कि 2027 तक देश को समर्पित होगी। समुद्रतल से 16,580 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे को भेदकर बन रही टनल से पाक और चीन सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच आसान होगी।टनल बनने से मनाली-कारगिल और मनाली-लेह सामरिक मार्ग के बीच 12 महीने सेना के साथ आम लोगों और पर्यटक वाहनों की आवाजाही होगी। अभी तक सेना के वाहनों को मनाली से लेह वाया सरचू करीब 17 घंटे का समय लगता है, लेकिन शिंकुला टनल होकर पाक और चीन बॉर्डर तक 10 घंटे से भी कम समय लगेगा। वहीं, कारगिल, सियाचिन और एलओसी तक भारी मशीनरी को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। सीमा सड़क संगठन की योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने बताया कि जून से शिंकुला टनल का काम शुरू किया जाएगा और तीन साल में इसे तैयार करने का लक्ष्य है।