एनडीआरएफ की मदद से खोजा जाएगा अब छितकुल के ऊंचे खिमलोगा पास में फंसे ट्रैकर के शव को। उपायुक्त किन्नौर ने राज्य सरकार,रेजिडेंट कमिश्नर पश्चिम बंगाल न्यू दिल्ली, जस्सूर कांगड़ा14 एनडीआरएफ कमांडेंट को लिखा पत्र।अन्य को किया रेस्क्यू,घायल रामपुर रेफर। कल फिर खिमलोगा जायेगी रेस्क्यू टीम,मृतक के रिश्तेदार भी पहुंचेंगे।

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मनजीत नेगी/IBEX NEWS,शिमला

प्रदेश के जिला किन्नौर की ऊंची चोटियों पर स्थित खिमलोगा दर्रा में फंसे ट्रैकर व पोर्टर को आज बचाव दल ने सुरक्षित सांगला पहुंचा दिया है। एक मृतक ट्रैकर 42 वर्षीय सूजे दूले के शव की खोज जारी रहेगी। बचाव दल क्विक रिस्पॉन्स टीम के अथक प्रयासों के बावजूद मृतक को खोजा नहीं जा सका। ये दल शेष को सुरक्षित ले आए।

बताया जा रहा है कि शव दर्रे में गहरी संकरी ग्लेशियर की खाई में फंसा है उसे अब एनडीआरएफ की टीम खोजेगी।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत ” एक खतरनाक आपदा स्थिति या आपदा के लिए विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से ” गठित एक भारतीय विशेष बल है। इस जैसे कार्य में निपुण हैं।

जिला उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने राज्य सरकार,रेजिडेंट कमिश्नर पश्चिम बंगाल न्यू दिल्ली, जस्सूर कांगड़ा14 एनडीआरएफ कमांडेंट को आज पत्र लिख कर आग्रह किया है कि ट्रैकर के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जाए। अन्य ट्रैकर्स और पोर्टर को सुरक्षित सांगला पहुंचा दिया है। इनमे से घायल ट्रैकर सुब्रोतो बिसवास को सांगला में प्राथमिक उपचार के उपरांत रामपुर के लिए रैफर किया गया है। अन्य रेस्क्यू किए लोग भी रामपुर पहुंच गए हैं।

घायल ट्रैकर्र सुब्रोतो बिसवास को फौरी राहत के तौर पर 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।

जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ को लिखे पत्र में कहा है कि प्रशासन को सूचना मिली थी उत्तराखण्ड की उत्तरकाशी से 28 अगस्त 2022 को 3 ट्रेकर व 6 पोर्टर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के छितकुल के लिये रवाना हुए। 3सितंबर को हादसा हुआ। एक ट्रेकर सुजॉय डुले की खिमलोगा दर्रे को पार करते हाथ से रस्सी छूटने के चलते मौके पर ही मौत हो गई है ।वे ग्लेशियर की गहरी खाई में समा गया। जबकि दूसरा ट्रेकर 49 वर्षीय सुब्रोतो विश्वास इस दौरान घायल हो गया ।

बताया जा रहा है की कल खिमलोगा पास के लिए एक बार फिर नया बचाव दल रवाना होगा। एनडीआरएफ मदद के लिए नहीं आया तो एक नई टीम आइटीबीपी,सुरक्षा गार्ड,पुलिस दल की भेजी जाएगी। अभी जो बचाव दल दर्रे के लिए भेजा था उनमें अधिकतर 16000_17000 फीट की ऊंचाई पर अपने आप को ज्यादा समय तक ढाल नहीं पाए किसी के नाक से खून निकल आया तो किसी की सांसे फूलने लगी। कुछ को थकान महसूस हुई। भरकस प्रयास के बावजूद ट्रैकर्स शव को खोज लाने में सफलता हाथ नहीं लगी है। आज करीब 10:30बजे तक हिमाचल पुलिस, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल व होमगार्ड के जवानो का 35 सदस्य दल छितकुल वापस आए है। बीते कल उनसे दिनभर भी कोई संपर्क नहीं हुआ है, सिग्नल समस्या और मोबाइल बैटरी जवाब दे रही थी। खिमलोगा के बेस कैंप में सभी ट्रैकर्स को 4सितम्बर सुरक्षित पहुंचाया दिया गया था।छितकुल से ये दल 4सितंबर को सुबह 4बजे रवाना हुआ था। पांच सितंबर को संपर्क कटा रहा। आज टीम पहुंची है।

संकरे रास्तों से सुरक्षित लाते खिमलोगा दर्रे में फंसे लोगों को। दल के जज्बे को सलाम।

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जान जोखिम में डाल हिमाचल के किन्नौर के ऊंचे दर्रे से एक घायल को सुरक्षित लाते बचाव दल के लोग।घायल को कंधे और बाजू में गंभीर चोटे आई है और एक ट्रैकर की हुए हेड्स में मौत हो गई।


किन्नौर के जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने विशेष वार्ता में बताया कि एनडीआरएफ कल पास के लिए रवाना होगी। एनडीआरएफ यदि किसी सूरत में नहीं आती है तो प्रशासन फिर नया दल बनाकर भेजेगा। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि शव को खोजा जा सके। कल मृतक के रिश्तेदार भी किन्नौर पहुंच रहे है।