मनजीत नेगी/IBEX NEWS,शिमला
हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के सैंकड़ों डॉक्टर आज मास कैजुअल लीव पर है। लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में प्रधानमंत्री के पांच अक्तूबर के प्रस्तावित दौरे को लेकर हड़ताल को फिलहाल यहां डॉक्टरों ने टाला है। नाहन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक लंबित मांगों को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है।वे हड़ताली चिकित्सकों के साथ शामिल नहीं हुए। सुगुबुहाट है कि बड़ी कुर्सी पर बैठे डॉक्टर्स यहां सेवानिवृति के करीब है और इस वक्त कोई झमेला नही चाहते। जबकि आईजीएमसी शिमला,टांडा कांगड़ा, चंबा,मंडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एक जुट है। वे एक तो अकादमिक भत्ता चाहते है। जिन बच्चों को इन डॉक्टरों ने कॉलेजों में पढ़ाया उन्हें ये एलाउंस सरकारी सेवाओं में मिल रहा है और कॉलेजों में सरकार ये नहीं दे रही है।
दूसरी मांग ये है कि प्राचार्यों को प्रमोशन उन्हीं कॉलेजों में हो।अभी इन पदों को मर्ज किया है। इससे वरिष्ठता और कनिष्ठता के नियमों को तिलांजलि चढ़ रही है। सीनियर,जूनियर के खेल में प्रमोशन का लड्डू वो प्राचार्य चख रहे है जो सरकार के करीब है।सीनियर्स किस्मत कोसने को बाध्य है।
टाइम बाउन्ड रेगुलर प्रमोशन डॉक्टर चाह रहे है।बीते रोज सरकार ने अधिसूचना जारी की है कि प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर,असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए एक साल की अवधि घटा दी है।
इस आदेशों को नए कॉलेजों को प्रोफसर मिलेंगे। जिसकी अभी नए कॉलेजों में कमी है। इसलिए इन आदेशों को आईवाश माना जा रहा है। मगर डॉक्टरों की मांग है रेगुलर टाइम बाउंड प्रमोशन हो।
क्या कहते है आईजीएमसी सैंमडीकॉट के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद का कहना है कि हम छुटी के लिए सरकार को नोटिस दिया है।हमारी मांगों को लेकर सरकार बुलाती है तो हम तैयार है।मरीज को परेशान नहीं करना चाहते है सरकार ने जो कमेटी मांगो को पूरा करने के लिए बनाई थी उसकी अभी तक कोई बैठक नहीं हो पाई है।सरकार हमे भी सुने न। सभी मेडिकल कॉलेज मांगों के साथ है।