IBEX NEWS,शिमला।
हथकड़ियों ने हाथों को ज़कड़ा हैं हुनर को नहीं, हम मिठास बेचते हैं ,जनाब।शिमला में बीते सप्ताह आयोजित चार दिवसीय प्रदर्शनी में केक और बिस्किट बेचकर जेलों में बंद क़ैदियों ने हज़ारों रुपये कमाए और अब नया जीवन जीने के हौसलों को भी नई उमंग के साथ एक नई बुलंदियों पर भी पहुँचाने की कोशिश की।
सलाख़ों के पीछे रहकर ये अपने परिवारों की ज़िम्मेवारी बखूबी सम्भाल रहे हैं और उनकी ज़रूरतों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।और अब इन्हें एहसास हैं कि ज़िंदगी ये हैं वो नहीं जो जुर्म की और अग्रसर रही।कभी जुर्म की कहानी लिख कर हिमाचल की जेलों में सजायफ़ता को अब महज़ एक क़ैदी नहीं समझा जाता न ही क़ैदी संख्या के नाम से।उन्हें उनके हुनर से पहचान मिल रही है और ये बदलाव इनके प्रायश्चितत जीवन में नई उमंग भर रहे हैं।
आयोजित प्रदर्शनी में बेकरी स्टाल में अपने सहयोगीयों द्वारा बनाये गए उत्पादों को बेच रहें सुरेश का कहना है कि इस प्रदर्शनी में शिमलावासियों का बेहद अच्छा रिस्पांस मिला हैं। शिमला में कई जगह ऑफ़लेट्स भी खोले हैं जिसमे हमारे द्वारा तैयार प्रोडक्ट खूब बिक रहें हैं। सबसे अधिक डिमांड में फ्रूट्स केक्स है और बिस्किट को भी लोग पसंद करते हैं। हिमाचल से ऑर्डर मिल रहे हैं और अच्छे ख़ुशी के मौके के लिये केक के ऑर्डर्स मिलने लगे हैं।
हम 15 -20 लोग है जो खाद्य यूनिट में काम करते है और बेकरी प्रोडक्ट को बनाते हैं ।
इस प्रदर्शनी का शुभारंभ adgp आनंद प्रताप सिंह ने किया। कॉटन बेड शीटस,थैले,डबल बेड,डाइनिंग टेबल,बेकरी बिस्किटस,लकड़ी की ट्रे, मंदिर।रिलैक्सिंग चेयर्स,अलमारी,आयरन रैक, गोबर के ऐसे गमले जो फूलों के लिए खाद का काम करते हैं ।हिमाचल की सभी जेलों में क़ैद क़ैदियों द्वारा तैयार उत्पादों को यहाँ प्रदर्शित किया गया।