जयराम ठाकुर और जगत सिंह नेगी सदन में फिर आमने सामने,तीखी बहस हुई और सीएम की दख़लंदाज़ी पर शांत हुआ माहौल।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने पूर्व सीएम नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर की पूर्व सरकार पर आरोप जड़े जनमंच कार्यक्रम था लंच मंच। दो ,आढ़ाई करोड़ तो अपने कार्यकर्ताओं को ख़ाना खिलाने में और आढ़ाई करोड़ का शामियाना पर ही इस योजना पर उड़ा दिये। अधिकारियों कर्मचारियों की धमकाया जाता था।इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने तल्ख़ी बरती कि जनमंच बंद क्यों किया हा रहा है? इस योजना ने खुला मंच लोगों को दिया जाता था और उन्हें माइक देकर बोलने दिया जाता था। मंत्री , अधिकारी वहाँ मौजूद रहते थे और समस्या जा निपटारा तत्काल होता था । पूर्व सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना को बंद न करे। सरकार योजना को चलाने के लिए होती है बंद करने के लिए नहीं।ये जो रक़म है एक दिन में नहीं पाँच सालों में 258 कार्यक्रमों में 43हज़ार शिकायतें निपटाईं है। मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्पष्ट किया कि कोई भी योजना चलाने और न चलाने सरकार के कार्यक्षेत्र में होता हैं।विधानसभा में प्रशंसक के दौरान ये डील संजय रत्न ने पूछा था और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसकी पूरी जानकारी रखी।प्रश्नकाल का समय ख़त्म हो गया था तब नेता प्रतिपक्ष ने पॉइंट ऑफ़ ऑर्डर से मामला रखा की हर चीज को बंद न करें। ये कोई समाधान नहीं।सरकार क्या काया बंद करेगी? इस पर मंत्री जगत सिंह नेगी ने चुटकी ली कि आख़िर लंच मंच से ज़्यादा इसमें था ही क्या? विपक्ष को इसके माध्यम से दबाया गया। मुझे किन्नौर में इसकी वजह से 506 का मुक़दमा भुगतना पड़ा।ये भी तत्कालीन मंत्री ने किया था।अधिकारियों और कर्मचारियों की इसमें नीचा दिखाया जाता था और इसपर माहौल गर्मा गया।
विपक्ष बी नारेबाज़ी शुरू की और नेता प्रतिपक्ष के साथ विरोध में
वेल में आये और कार्यवाही 15 मिण्ट के लिये रोकी गई स्थगन के बाद चालू हुए सदन में नेता प्रतिपक्ष ने तेवर दिखाए कि पंचायती राज मंत्री का ज्वाब होने के बावजूद राजस्व ,बाग़वानी जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी इस विषय पर क्यों बोल रहे हैं? उन्होंने राजस्व , बाग़वानी मंत्री की इस बयान का विरोध कार्य कि नेता प्रतिपक्ष याचक की तरह बात रखें। उन्होंने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं हर चीज को बंद करना कोई समाधान नहीं हैं।
सदन में दोनों पक्षों के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए सीएम ने इंटरविन किया और घोषणा कि सरकार भी नई है और लोगों की समस्या सुनने के लिए सरकार शीघ्र मंच भी नया लाएगी।जहां अधिकारियों , कर्मचारियों को पूरा सम्मान दिया जाएगा।पूर्व सरकार ने लगभग पाँच करोड़ रुपये मंच और टेंट पर खर्च किए हैं।अब व्यवस्था परिवर्तन हो रहा हैं।