IBEX NEWS,शिमला।
भारतीय मजदूर संघ व अराजपत्रित कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर लगभग 40 साल सरकार में सेवाएँ देने के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए।सादे समारोह में सचिवालय के लोक निर्माण विभाग उपमंडलीय कार्यालय में अभियंता पद से सेवानिवृति के मौके पर उनकी सेवाओं को सराहा गया।
देश,प्रदेश में दबे कुचले गरीब,मजदूर किसानो, एवं वंचित वर्ग के हक़ के लिए अनेक आदोंलनों के माध्यम और हजारों ट्रेड यूनियन में बीते कई दशकों से दबंगता से आवाज उठाने वाले सुरेंद्र ठाकुर का हर कोई क़ायल रहा है।ज़िला सोलन के अर्की के एक साधारण किसान परिवार में पले बढ़े सुरेंद्र ठाकुर स्नातकोत्तर हैं और राजधानी के अलावा प्रदेश के भरमौर,नाहन, टोन्नी देवी,धर्मपुर आदि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ दी है। इस अवधि में कर्मचारियों के मुद्दों को सरकार के समक्ष रखा और वर्षों से लंबित माँगों और विसंगतियों को भी दूर करने के लिए लंबी लड़ाइयाँ लड़ी।लगभग आठ महीनों तक विभाग में सस्पेंड भी रहे। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और जय राम ठाकुर के अलावा कई बड़े बीजेपी नेताओं के साथ मिलकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों , मज़दूरों की माँगों को लेकर काम किया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में मज़दूरों की हितो की रक्षा के लिए देश का प्रतिनिधित्व किया।सर्वेयर के पद से लोक निर्माण विभाग में सरकारी सेवा शुरू की।भारतीय मज़दूर संघ के विभिन्न पदों पर आसीन होने के बाद अध्यक्ष की कुर्सी पर पहुँचे। केंद्र और राज्य के क़रीबन सभी श्रम बोर्डों , निगमों में सदस्य बतौर प्रदेश शिकायत निवारण समिति में भी इस पद पर कमान सम्भाली।
पूर्व सरकार में निर्माण कामगार बोर्ड में अध्यक्ष पद की कुर्सी पर ताजपोशी की घोषणा के बाद वे राजनीतिक द्वेष की भेंट चढ़ी।