हिमाचल के 5000crs ₹ पर इससे सीधी सेंध, USA के सेबों का हिन्दोस्तान की मार्केट में बोलबाला होगा, देश के सेब उत्पादक राज्यों को झटका ।
किन्नौर में बीते एक सप्ताह से NH 5 भूस्खलन पॉइंट की बहाली को डटे मंत्री ने सड़क पर खड़े होकर किया पत्रकारों को संबोधित, अनुरोध किया USA के सेबों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाये केंद्र
IBEX NEWS, शिमला।
जी 20 सम्मेलन में USA को विशेष देश का दर्जा देने के साथ ही बहुत सारी रियायतों के साथ सेबों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय से भारत के सेब उत्पादक राज्यों को सीधा नुक़सान होगा। अपने चुनावी घोषणापत्र में किए वादे से पीएम पीछे हटे है जो उन्होंने चुनाव के दौरान हिमाचलवासियों से किया था कि हिमाचल के बागवानों के सेबों को उचित मूल्य मिलेगा।USA से आ रहे सेबों पर इमोर्ट ड्यूटी को इसी साल पहले जो 75 प्रतिशत थी उसको कम करते हुए 35 फ़ीसदी किया गया और अब ये ध्यान में आया है कि इसे और कम करते हुए 15प्रतिशत किया जा रहा है । कहाँ तो इसे USA के लिए बढ़ाया जाना चाहिए था इसके विपरीत ड्यूटी को और घटाया जा रहा है। इससे हिमाचल के सेब कारोबार को झटका लगेगा और प्रदेश के आर्थिक स्तिथि को मज़बूत करने में 5000 करोड़ के कारोबार पर भी सीधी करारी चोट है। ऐसे में जब पीएम के इस निर्णय से देश की मंडियों में USA सेब की धमक होगी। जम्मू कश्मीर , उतराखंड जैसे राज्यों को भारी नुक़सान झेलना पड़ेगा। जगत सिंह नेगी ने पीएम से अनुरोध किया है कि वे इस निर्णय पर फिरसे विचार करे।
उन्होंने कहा की केंद्र सरकार द्वारा जी-20 सम्मिट के दौरान अमरीकी सेब के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। हिमाचल प्रदेश व अन्य क्षेत्रों के बागवानों की आर्थिकी के लिए नुकसानदायक है।
बागवानी मंत्री ने कहा की केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश की मंडियां विदेशी सेब से भर जायेगी और राज्य के बागवानों की आर्थिकी को क्षति पहुंचेगी। केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य सेब उत्पादक राज्य के बागवानों के लिए अपने निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए।
किन्नौर में बीते एक सप्ताह से NH 5 भूस्खलन पॉइंट की बहाली को डटे मंत्री ने सड़क पर खड़े होकर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने अनुरोध किया कि USA के सेबों पर इंपोर्ट ड्यूटी न घटाए जाए।