मनजीत नेगी/IBEX NEWS, शिमला
दुनिया की सबसे खूबसूरत किन्नौर की घाटी सांगला में बड़े नाले उफान पर पहुंच गए है।हिमाचल में मानसून की दस्तक के पहले हफ्ते ही नाले अपने रौद्र रूप में दिख रहे है। साफ पानी नहीं अपितु मिट्टी गाद से लिपटे बड़े बड़े पत्थरों की बाढ़ सूखे नालों में डरावना शोर मचा रही है। बड़ी शिलाओं के टकराने की आवाजों से पूरी घाटी गूंज रही है।
कई जंगली जानवर और गाय, भेड़ बकरी इसकी निवाला बनी है।
सांगला में 2गाय को तो समय रहते लोगों ने बचा ली । गनीमत रही कि आसपास काम करने वाले लोग पत्थरों के शोर से अलर्ट हो गए और एक दूसरे को सीटियां बजा कर चेताया।
बीते दो रोज से हिमाचल के जिला किन्नौर के सांगला वेली में ऐसा बदस्तूर जारी है। सेरिंगचे बटसेरी, टोंग टोंगचे कामरू सांगला,गंगारंग_बटसेरी नालों ने अपना ऐसा जलवा दिखाया है।
बीती शाम को बटसेरी पंचायत के सेरिंगचे नाले में ऐसा ही नजारा दिखा।
बड़े पत्थरों के शोर से समय रहते समीप में काम कर रहे लोग अलर्ट हो गए। नाला पहले एकदम सुखा था। जैसे ही शिलाओं का आपस में टकराव बढ़ता गया नाला उग्र रूप धारण कर गया।लोग सहम गए।सांगला नायब तहसील दार के अनुसार सेरिनचे बाढ़ में ज्यादा नुकसान थेमग्ररंग निवासियों का हो गया है अभी 8 से 10 लाख रूपये का बगीचा,खेत खलयान का नुकसान आका गया है जो कि जिला प्रशासन को सूचना दी गई है।
यहां सिंचाई योजना का बड़ा हिस्सा भारी पत्थर अपने साथ बहा ले गए। राजस्व विभाग को बटसेरी प्रधान प्रदीप नेगी ने बताया कि प्रशासन को सूचित किया है सोमवार को दल मौके पर आयेगा।
सांगला कामरु के टोंग _टोंग चे में कई गाय चपेट में आई बताई जा रही है। कई को बचाया गया।प्रधान देवसांकी नेगी ने कहा है कि हम अलर्ट है।
वहीं गंगारंग नाले में भी बाढ़ आई है। दो रोज पहले से किन्नौर में ऐसी जंग जारी है।
यदि जरूरी नहीं है तो तिब्बत चीन की सीमा पर बसे भारत के अंतिम गांव छितकुल घूमना फिलहाल नहीं जाए तो बेहतर रहेगा। जिला प्रशासन ने पहले ही इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है कि दिए गए आपात नंबरों पर मुसीबत में संपर्क करे।